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Raipur : किन्नर सम्मेलन में दिखा दर्द

रायपुर। परिवार इंसान की ताकत होता है। दुख हो या सुख, तीज हो या त्योहार, एक-दूसरे का साथ ही हमें आगे ले जाता है। वहीं एक समुदाय है, जिसे परिवार के सदस्यों ने ही नकार दिया। न तो इस समुदाय के लोगों ने रिश्ते जाने, न ही अपनापन। बात हो रही है किन्नर समुदाय की। छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर Raipur के गंजपारा स्थित देशबंधु स्कूल में संपन्न हुए महामंगला मुखी किन्नर सम्मेलन में किन्नरों ने नए रिश्तों की रचना की।

Raipur में आए किन्नरों ने

देशभर के 29 राज्यों से Raipur रायपुर में आए किन्नरों ने एक-दूसरे को मां, बहन, सास, बहू के रिश्ते में पिरोया।समुदाय के छोटे बच्चों को गोद लेकर उन्हें माता-पिता का प्यार भी दिया। मौके पर मौजूद गद्दीदार किन्नर यादी समुदाय का प्रमुख भुल्लो नायक ने रिश्तों को जीवनभर निभाने की रस्म अदा की।सम्मेलन के दौरान रायपुर की नगीना किन्नर ने 13 साल की मुस्कान को गोद लिया। अब वह उसके पालन-पोषण और पढ़ाई लिखाई का जिम्मा उठा रही है। नगीना ने कहा कि वह मुस्कान को माता और पिता दोनों की तरह अच्छी परवरिश देना चाहती हैं।

महामंगला मुखी किन्नर सम्मेलन गुरु-शिष्य परंपरा का

वो चाहती हैं कि मुस्कान पढ़-लिख कर आगे बढ़े और अपने पैरों पर खड़ी हो जाए।लगातार रायपुर में हो रहे महामंगला मुखी किन्नर सम्मेलन को लोग देखते आ रहे हैं, लेकिन बहुत ही कम को इसके बारे में पता है। महामंगला मुखी किन्नर सम्मेलन गुरु-शिष्य परंपरा का अद्भुत उदाहरण है। अन्य समुदाय में जिस तरह बड़े-बुजुर्ग की मृत्यु के बाद बरसी मनाई जाती है, उसी तरह किन्नर समुदाय भी साल में गुजरे लोगों की याद में महामंगला मुखी किन्नर सम्मेलन मनाता है। बालाघाट से आई रूपा नायक ने बताया कि इस सम्मेलन में देश भर से किन्नर जुटते हैं और नए रिश्तों के साथ परंपरा आगे बढ़ती है।

 

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