भारतीय टीम के कैप्टन विराट कोहली बल्लेबाजी करते समय सरलता से आक्रामक रूख अख्तियार कर सकते हैं लेकिन भारतीय कैप्टन को लगता है कि हार्दिक पांड्या जैसे बड़े शॉट खेलने वाले एक खिलाड़ी की उपस्थिति से उन्हें कई बार सहायक की किरदार निभाने का मौका मिलता है. ऐसा कम ही होता है जब कोहली के आखिरी के ओवरों में क्रीज पर रहने के बाद भी उनके गेंद व रन का अंतर ज्यादा ना हो.
सूत्रों से प्राप्त जानकारी के अनुसार ऑस्ट्रेलिया के विरूद्ध विश्व कप के मैच में उन्होंने 77 गेंद में 82 रन की पारी खेली जिसमें चार चौके व दो छक्के शामिल थे. आखिरी ओवरों में कोहली मिशेल स्टार्क पर दो छक्के लगाने के अतिरिक्त दो रन दौड़ कर खुश थे जबकि पंड्या दूसरे छोर से आक्रामक बल्लेबाजी कर रहे थे. पंड्या ने 25 गेंद में 48 रन बनाये.
इसी के साथ कोहली से जब पूछा गया कि क्या वह आक्रामक बल्लेबाजी के बारे में सोच रहे थे तो उन्होंने कहा, ” जब मैंने अर्धशतक पूरा किया तब मेरे दिमाग में यह ख्याल आया था.मैंने पंड्या से बात कि व उसने कहा, मुझे जोखिम उठाने की आवश्यकता नहीं.