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विश्वास के नाम पर जनता से धोखा: राजेन्द्र चौधरी

लखनऊ. समाजवादी पार्टी प्रवक्ता राजेंद्र चैधरी ने कहा है कि मुख्यमंत्री योगी ने भाजपा सरकार के 100 दिनों का जो रिपोर्टकार्ड आज पेश किया वह राजनीतिक धोखा हैं। असल में ‘100 दिन विश्वास’ के नाम पर जनता के साथ विश्वासघात किया गया है। जब एक कदम चले ही नहीं, बजट नहीं,योजना नही तो पुस्तिका कैसी?? लेकिन सच तो यह है कि बीजेपी सरकार की अकर्मण्यता के चलते जनता में घोर असंतोष है। इतनी कम अवधि में कोई सरकार अलोकप्रिय हो जाए,यह पहला उदाहरण है।

अगर भाजपा में नैतिकता होती तो यह बोलने में क्या संकोच था कि मुख्यमंत्री ने जिस पुस्तिका का अपनी प्रेस कांफ्रेंस में वाचन किया हैं उसमें यह उल्लेख क्यों नही है कि ये सभी काम तो समाजवादी सरकार में पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने ही कर दिए थे। बस उन्ही के कामों को 100 दिनों के नाम से दोहराया जा रहा हैं। अप्रासंगिक मुद्दे उठाकर जनता को गुमराह करने की साजिश है।

भाजपा राज में 200 गुना से ज्यादा अपराधों की बाढ़ आ गई है। अपराधी भयमुक्त हैं और स्वयं पुलिस बल भयग्रस्त है। भगवा अंगोछेवाले निरंकुश होकर थानों और पुलिस पर हमला कर रहे हैं। महिलाओं-बच्चियों के साथ रोज दुष्कर्म की घटनाएं हो रही है। सड़क चलते दिन में ही अपराध घटित हो रहे हैं। शांतिपूर्ण प्रदर्शन पर छात्र-छात्राओं को जेल भेजा जा रहा है। नौजवानों छंटनी हो रही है।

किसानों का न तो आलू खरीदा गया नहीं और न ही लक्ष्य सापेक्ष गेहूं की खरीद हुई। आर्थिक संकट से परेशान किसान आत्महत्या को मजबूर हो रहे हैं। गन्ना किसानों का बकाया भुगतान अभी तक नहीं हो पाया है। खरीफ फसल सूख रही है। सिंचाई कैसे हो, बिजली 8 घंटे भी नहीं मिल रही है। श्री अखिलेश यादव ने गांवों में 18 घंटे बिजली का जो सिस्टम बनाया था 100 दिनों में उसे नष्ट कर दिया गया।अस्पतालों में चिकित्सा व्यवस्था चरमरा गई है।

किसानों की बेहतरी के बजाय भाजपा की नीतियां पूंजीघरानों के हितों की रक्षा करती है। सरकार का हर काम रागद्वेष से पे्ररित है और वह समाजवादी सरकार के विरूद्ध दुष्प्रचार को ही उपलब्धि मान रही है। हिटलर के गोएबल्स का रास्ता “सौ बार झूठ को दुहराने का था” वैसे ही भाजपा इसे 100 दिनों में दोहरा रही है।

उन्होंने कहा भाजपा की दिशाहीन सरकार से किसी मौलिक या व्यवहारिक योजना की अपेक्षा करना ही गलत है। केवल झूठ के बल पर जनता को बरगला कर भाजपा सत्ता में तो आ गई है पर उसमें यह क्षमता ही नहीं है कि वह प्रदेश को प्रगति के रास्ते पर ले जाने वाला रोडमैप बना सके। उनकी नीति और नीयत दोनों जातीय वैमनस्य और साम्प्रदायिक उन्माद को बढ़ावा देना है। अगर यही आगाज है तो अंजाम क्या होगा। भाजपा सरकार शब्दों का जाल बुनना जानती है लेकिन जनता को वह उलझा नहीं सकेंगे।

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