तीन राज्यों और लोकसभा चुनाव में दूसरे दलों से गठबंधन की बातचीत और इस बारे में अंतिम फैसला समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष Akhilesh Yadav के ऊपर छोड़ दिया गया है। पार्टी मुख्यालय में हुई राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में उन्हें इसके लिए अधिकृत किया गया है। हालांकि अखिलेश की इस मांग पर बीजेपी ने पलटवार करते हुए इसे समाजवादी पार्टी की चुनाव पूर्व हार बताया है।
Akhilesh Yadav, बैलट से हों चुनाव
लोकसभा चुनाव में गठबंधन करने वाली पार्टियों ने अंतिम फैसला राष्ट्रीय कार्यकारिणी की बैठक में, अखिलेश यादव पर छोड़ दिया है। बैठक की अध्यक्षता पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने की लेकिन बैठक में मुलायम सिंह यादव शामिल नहीं थे। प्रमुख महासचिव राम गोपाल यादव ने पत्रकारों को यह जानकारी दी, कि बैठक में लोकसभा चुनाव और अन्य राज्यों के विधानसभा चुनाव में दूसरे दलों से गठबंधन के लिए राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव को अधिकृत किया गया है।
हमने फ़ैसला कर लिया है कि अगला चुनाव ‘बैलेट पेपर’ से ही कराये जाने की माँग हम चुनाव आयोग से करेंगे. हम इस माँग को लेकर ‘बैलेट सत्याग्रह’ तक करने को तैयार हैं. देश और लोकतंत्र के भविष्य के लिए हम सबसे अपील करते हैं कि वो EVM को हटाए जाने के लिए हमारा साथ दें. pic.twitter.com/5RMlA5BoGR
— Akhilesh Yadav (@yadavakhilesh) July 28, 2018
दल अनुसार वार्ता एवं सीट बंटवारा
अखिलेश यादव खुद फैसला करेंगे कि पार्टी कितनी सीटों पर लड़ेगी। मध्य प्रदेश, राजस्थान और छत्तीसगढ़ के चुनाव में दूसरे दलों से बातचीत और सीटों के बंटवारे पर भी वही निर्णय करेंगे। राम गोपाल यादव ने बताया कि कार्यकारिणी की बैठक में तय हुआ है कि आगामी चुनाव बैलट पेपर से कराए जाने की मांग को लेकर पार्टी चुनाव आयोग से अनुरोध करेगी।
बैलट, अथवा आंदोलन
राम गोपाल यादव ने बताया कि यह चेतावनी भी जाहिर की, यदि ईवीएम की जगह बैलट पेपर से चुनाव कराने की बात न मानी तो दूसरे दलों से बातचीत कर आंदोलन किया जाएगा।
चुनाव आयोग को हम गोली तो नहीं मार सकते, गांधीवादी लोग हैैं, उन्हीं की तर्ज पर विरोध जताएंगे। – राम गोपाल यादव
बीजेपी का सपा पर पलटवार
समाजवादी पार्टी बैलेट पेपर के बहाने अपनी हार को चुनाव में उतरने से पहले ही मान चुके हैं । @shalabhmani pic.twitter.com/YBZUR36XtA
— Shalabh Mani Tripathi Office (@Shalabhbjp) July 28, 2018
लोकसभा चुनाव में उतरने से पहले ही समाजवादी पार्टी ने ईवीएम की बजाय बैलेट पेपर से चुनाव कराये जाने का पुराना घिसा-पिटा राग छेड़कर अपनी हार स्वीकार कर लिया है। उन्होंने प्रेस वार्ता में कहा समाजवादी पार्टी को ये अंदाजा लग गया है कि उ0प्र0 से उसका पूरी तरह सफाया हो चुका है और आने वाले दिनों में भी उसके लिए कोई उम्मीद नहीं बची है।
पिछले दिनों ईवीएम मशीन को लेकर हारे हुए दलों की तरफ से उठाये गये बेबुनियाद सवालों का जबाव देने के लिए जब चुनाव आयोग ने ईवीएम मशीनें रखकर उसे हैक करने की चुनौती दी तब कोई भी दल ये चुनौती स्वीकार करने की हिम्मत नहीं जुटा पाया। ईवीएम मशीने रखी रहीं और ईवीएम पर सवाल उठाने वाले दल एक भी आरोप साबित नहीं कर पाये। – शलभ मणि त्रिपाठी