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थलसेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत बन सकते हैं भारत के पहले चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ

73वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री मोदी ने लाल किले से अपने भाषण में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ को नियुक्त करने की घोषणा की है। यह सीडीएस (CDS) तीनों सेनाओं (जल, थल, वायु) के बीच आपसी तालमेल बेहतर बनाने का कार्य करेगा। सीडीएस एक जनरल के रुप में नियुक्त होगा जो थल सेना, वायुसेना और नौसेना से उपर का रैंक होगा। वहीं इस पद की मांग भारतीय सुरक्षा सुधार हेतु कारगिल युद्ध पर बनी कमेटी द्वारा की गई थी।

पीएम मोदी का लाल किले से इस ऐलान का मतलब यह है कि भारत सरकार अब जल्‍द ही इस व्‍यवस्‍था को लागू करने के लिए तैयार है। हालांकि अभी तक रक्षा मंत्रालय की ओर से इस मामले पर किसी भी प्रकार का आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया है।

नवंबर 2019 तक एक उच्च स्तरीय कार्यान्वयन समिति सीडीएस के तौर-तरीकों और उसकी भूमिका को सरकार के सामने स्पष्ट करेगी। बता दें वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ 30 सितंबर को सेवानिवृत्त होंगे जबकि जनरल रावत का कार्यकाल 31 दिसंबर तक है। ऐसे में वर्तमान थल सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत को सीडीएस का पद दिया जा सकता है।

चीफ ऑफ डिफेंस (CDS) पद बनने के पश्चात युद्धकालिन स्थिति में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर समन्वय स्थापित हो सकेगा। साथ ही युद्ध के दौरान सिंगल प्वॉइंट आदेश जारी किया जा सकता है, मतलब तीनों सेनाओं को एक ही आदेश जारी होगा। जिससे हमारी सेना की रणनीति और उनकी स्थिति और अधिक प्रभावशाली हो जाएगी। चीफ ऑफ डिफेंस (CDS) पद से हम काफी हद तक अपना नुकसान होने से बचा सकते हैं। सीडीएस के पास तीनों सेनाओं का जिम्‍मा होगा, साथ ही उन्‍हें साइबर और स्‍पेस कमांड का भी जिम्‍मा भी दिया जाएगा।

जानकारी के लिए आपको बता दें कि अमेरिका, चीन, यूनाइटेड किंगडम जापान के साथ अन्य कई और देशों में चीफ ऑफ डिफेंस का पद नियुक्त है। थलसेना, नौसेना और वायुसेना के प्रमुख चीफ स्टाफ कमेटी में शामिल होते हैं। और इस कमेटी के सबसे उच्च सदस्य को इसका चेयरमैन नियुक्त किया जाता है।

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