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ऑटो सेक्टर में मंदी की आहट, मारुति के 3,000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों की गई नौकरी

वाहन उद्योग में जारी सुस्ती का दौर थमने का नाम नहीं ले रहा है। ऑटो सेक्टर में जारी मंदी के बीच देश की सबसे बड़ी कार निर्माता कंपनी मारुति सुजुकी के 3000 से ज्यादा अस्थायी कर्मचारियों को अपनी नौकरी गंवानी पड़ी है। मारुति सुजुकी के चेयरमैन आर सी भार्गव ने कहा कि वाहन उद्योग में नरमी को देखते हुए अस्थायी कर्मचारियों के अनुबंध का नवीनीकरण नहीं किया गया है जबकि स्थायी कर्मचारियों पर इसका प्रभाव नहीं पड़ा है। उन्होंने कहा कि ‘यह कारोबार का हिस्सा है , जब मांग बढ़ती है तो अनुबंध पर ज्यादा कर्मचारियों की भर्ती की जाती है और जब मांग घटती है तो उनकी संख्या कम की जाती है।’ साथ ही उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र अर्थव्यवस्था में बिक्री , सेवा , बीमा , लाइसेंस , वित्तपोषण , चालक , पेट्रोल पंप , परिवहन से जुड़ी नौकरियां सृजित करता है। उन्होंने चेताया कि वाहन बिक्री में थोड़ी सी गिरावट से नौकरियों पर बड़े पैमाने पर असर पड़ेगा।

आर सी भार्गव ने कहा कि बाजार में मौजूदा मंदी पर कहा कि ‘इस स्थिति का अनुमान नहीं लगाया गया था। तीसरी और चौथी तिमाही में स्थितियां सुधरने की उम्मीद की जा रही है। पर हमें भरोसा है कि वित्त वर्ष 2021 में क्षेत्र काफी मजबूती से उभरेगा। तब तक बीएस VI पर सिफ्ट भी पूरा हो जाएगा।’ त्योहारों के मौसम में बिक्री बढ़ने के सवाल पर उन्होंने कहा कि ‘अगर मानसून अच्छा रहता है तो ग्रामीण क्षेत्र में मांग बढ़ सकती है।’ भार्गव ने सरकार से मांग की कि ‘पर्यावरण के लिए सुरक्षित कारों के आधार पर जीएसटी में छूट दी जानी चाहिए। इलेक्ट्रॉनिक गाड़ियों पर हाल ही में जीएसटी कम किया गया। सीएनजी गाड़ियों पर भी टैक्स में कटौती की जानी चाहिए।’

इस बीच, टीवीएस समूह के लिए गाड़ियों के कल-पुर्जे बनाने वाली कंपनी सुंदरम-क्लेटॉन लिमिटेड (एससीएल) ने ऑटो क्षेत्र में मंदी को देखते हुए परिचालन दो दिन के लिए बंद करने का फैसला किया है। कंपनी ने कहा, 16 अगस्त और 17 अगस्त को परिचालन बंद रहेगा। कंपनी ने एक बयान में कहा कि ‘यह वाहन क्षेत्र में कारोबार के सुस्त पड़ने के कारण है।’ इससे पहले देश की सबसे बड़ी दोपहिया वाहन विनिर्माता कंपनी हीरो मोटोकॉर्प ने चार दिन के लिए विनिर्माण संयंत्र बंद करने की बात कही। आपको बात दें कि इस महीने बॉश लिमिटेड, टाटा मोटर्स और महिंद्रा एंड महिंद्रा जैसी कंपनियां भी मांग और उत्पादन में सामंजस्य बिठाने के लिये विनिर्माण कुछ दिनों के लिये बंद करने की घोषणा कर चुकी हैं।

आपको बता दें कि ऑटो सेक्टर के इस साल जुलाई माह के आंकड़े भी निराश करने वाले रहे। इस महीने में देश में वाहनों की बिक्री में दो सदी की सबसे बड़ी गिरावट दर्ज की गयी। दिसंबर 2000 के बाद यह पहला मौका है, जब ऑटो सेक्टर की बिक्री में 31 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई है। इसके अलावा बीते करीब एक साल में इस सेक्टर से 13 लाख लोगों की नौकरियां गई हैं।

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