लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने कहा है कि भाजपा राज में आम नागरिक की परेशानियां बढ़ती ही जा रही हैं। एक ओर बाढ़ का कहर है तो दूसरी ओर मंहगाई की मार पड़ रही है। सरकार की अदूरदर्शिता और समय से निर्णय न लेने के कारण राज्य में यह संकट की स्थिति है। बाढ़ कोई इसी वर्ष नहीं आई है, सरकार सतर्क होती तो बाढ़ से हो रही तबाही को शुरूआत में ही रोका जा सकता था। लेकिन सरकार ने कोई कदम नहीं उठाए नतीजतन बाढ़ के प्रकोप से जनधन की भारी क्षति होने की खबर है।
वहीं दूसरी तरफ उत्तर प्रदेश सरकार ने पेट्रोल और डीजल पर मूल्य संवर्धित कर (वैट) बढ़ा दिया गया है। आधी रात से इसे लागू कर दिया गया है। उपभोक्ताओं को पेट्रोल के लिए करीब 2.30 और डीजल के लिए करीब एक रूपये अतिरिक्त देना होगा। इससे अब मंहगाई बढ़ेगी। परिवहन पर खर्च बढ़ेगा। लोकसभा चुनाव से पहले गतवर्ष अक्टूबर महीने में पेट्रोल-डीजल पर वैट चुनाव के दृष्टिगत घटाना जनता के साथ भाजपा का यह छलावा था। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कीमतें कम होने के बावजूद उत्तर प्रदेश में पेट्रोल-डीजल के दामों में बढ़ोतरी के लिए वैट लागू कर लोगों पर नया भार डाला जा रहा है।
उत्तर प्रदेश के 19 जनपदों में बाढ़ का संकट है। पश्चिमी यूपी से पूर्वांचल तक बाढ़ का कहर दिखाई देता है। सरयू, घाघरा, यमुना, गंगा आदि नदियों के जलस्तर में लगातार वृद्धि हो रही है। कई स्थानों पर ये नदियां खतरे के निशान को पार कर गई है। वाराणसी, प्रयागराज, बदायूं, सहारनपुर, बुलन्दशहर, गाजियाबाद, बिजनौर के सैकड़ों गांव पानी में डूब गये हैं।
कई जगह सम्पर्क मार्ग कट गए हैं। लोग बाढ़ के बीच में फंस गए हैं। पेयजल और विद्युत लाइनें क्षतिग्रस्त होने से मुश्किलें और बढ़ गई हैं। बाराबंकी में ही सैकड़ों गांव तबाह हो गए हैं। नेपाल-उत्तराखण्ड का पानी छोडे़ जाने से कई जनपदों में बाढ़ की विभीषिका के चलते जनधन की गंभीर हानि हुई है। लोग सड़क पर या बंधों पर खुले में रहने को मजबूर है। वहां किसी तरह की कोई बुनियादी सुविधायें तक नहीं है।
बाढ़ में न केवल सामान्य जनजीवन अस्तव्यस्त है अपितु जानवरो के लिए चारा आदि की भी समस्या पैदा हो रही है। इन्हीं दिनों तमाम बीमारियां भी पीछे लग जाती हैं। इसलिए राहत कार्य के रूप में बाढ़ ग्रस्त इलाकों के वाशिंदों को भोजन की सुविधा, जानवरों को चारा तथा बीमारियों से बचाव फसलों के नुकसान की भरपाई के काम को भी तेज करना चाहिए। परन्तु भाजपा की जनता को राहत देने में कोई दिलचस्पी नहीं दिखाई देती है। लगाता है बाढ़ राहत और बचाव के काम में भाजपा सरकार की कोई दिलचस्पी नहीं है।