Breaking News

Green crackers होगें काफी सस्ते

नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट के सख्त रवैये को देखकर केंद्र सरकार ने Green crackers ग्रीन पटाखों को लेकर एक नई ’फुलझड़ी’ छोड़ दी है। इसने दावा किया है कि ऐसी तकनीक तैयार कर ली गई है, जिससे ग्रीन पटाखे मौजूदा पटाखों के मुकाबले 30 फीसद तक सस्ते होंगे और करीब 50 फीसद प्रदूषण कम करेंगे।

Green crackers इस बार नहीं

हालांकि, ग्रीन पटाखे Green crackers इस बार दिवाली पर चलाने को नहीं मिलेंगे। इसके लिए अभी कुछ और इंतजार करना होगा, क्योंकि अभी इसके वाणिज्यिक उत्पादन की मंजूरी मिलनी बाकी है। केंद्रीय पर्यावरण मंत्री डॉ. हर्षवर्द्धन ने सोमवार को पत्रकारों से चर्चा में ग्रीन पटाखे तैयार करने का दावा किया।
उन्होंने बताया कि सीएसआइआर (वैज्ञानिक तथा औद्योगिक अनुसंधान परिषद) के वैज्ञानिकों ने नौ महीनों की कड़ी मेहनत के बाद इसे तैयार करने में सफलता हासिल की है। लेकिन, बाजार में इसके उपलब्ध होने के सवाल पर उन्होंने कहा कि इसका जवाब देना मुश्किल होगा। मैंने अपना काम कर दिया है।

बाकी अब पटाखा बनाने वाली कंपनियों व उन एजेंसियों को भी आगे आना होगा, जो लाइसेंस आदि देने का काम करती हैं। हालांकि, उन्होंने बताया कि पटाखा बनाने वाली कुछ कंपनियों के साथ उन्होंने इसे लेकर संपर्क किया है। एक सवाल के जवाब में केंद्रीय मंत्री ने बताया कि देश में पटाखा कारोबार करीब छह हजार करोड़ का है।
इसमें करीब पांच लाख लोग काम करते हैं। ऐसे में इस पूरे कारोबार को रातोंरात ग्रीन तकनीक में बदल दिया जाएगा, यह संभव नहीं है। लेकिन बदलाव की प्रक्रिया शुरू हो गई है। उन्होंने आने वाले दिनों में ई-पटाखों से जुड़ी तकनीक लांच करने का दावा किया।

उन्होंने बताया कि इस दिशा में नीरी (राष्ट्रीय पर्यावरण अभियांत्रिकी अनुसंधान संस्थान) और सीएसआइआर के दूसरे संस्थान मिलकर काम कर रहे हैं। इस बीच इस पूरी परियोजना का नेतृत्व कर रही नीरी की वैज्ञानिक डॉ. साधना ने बताया कि करीब तीन हफ्ते के लंबे परीक्षण के बाद इसे पूरी तरह से खरा पाया गया है।

 

About Samar Saleel

Check Also

उच्चशिक्षा हेतु सीएमएस छात्रा यूनिवर्सिटी कालेज लंदन में चयनित

लखनऊ। सिटी मोन्टेसरी स्कूल गोमती नगर द्वितीय कैम्पस के इण्टरनेशनल कैम्ब्रिज सेक्शन की छात्रा नव्या ...