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भारत में तीन तलाक पर तीन साल की जेल! पाक‍िस्‍तान समेत तीन देश कर चुके हैं बैन

तीन तलाक को लेकर अब अंतिम मुहर लगने का समय आ गया है। पिछले दिनों देश में जिस तरह से चर्चा का मुद्दा बने तीन तलाक पर बैन लगाने के लिए देश की मुस्लिम महिलाओं ने भरपूर समर्थन के साथ सरकार से अपील की है। संसद में 15 द‍िसंबर के शीतकालीन सत्र में इस पर केंद्र की मोदी सरकार अंत‍िम मुहर लगाएगी। तीन तलाक पर तीन साल की जेल हो सकती है। तीन तलाक से जुड़ी एक खास बात यह है क‍ि भारत में जहां इस पर सजा तय होगी, वहीं पड़ोसी देशों ने तीन तलाक पर बैन लगा रखा है।
तीन तलाक पर तीन साल की जेल
तलाक-ए-बिद्दत यानी क‍ि तीन तलाक को लेकर पूरे देश की नि‍गाहें कल संसद के शीतकालीन सत्र पर ट‍िकी हैं। मोदी सरकार तीन तलाक को गैर-जमानती अपराध बनाने वाले बिल पर अपनी अंत‍िम मुहर लगा देगी। खबरों की मानें तो तीन तलाक पर बैन लगाने का प्रस्ताव व दोषी को तीन साल की कैद व जुर्माने की सजा का प्रावधान किया जा सकता है। तीन तलाक की यह प्रथा लगभग 1400 साल पुरानी है।
तलाक-ए-बिद्दत असंवैधानिक
देश में तीन तलाक काफी पुरानी ​मुस्लिम प्रथा है। जिस पर विदेशों ने भी बैन लगा रखा है। दरअसल इस तलाक में कागज या लिखा पढ़ी की जरूरत नहीं होती है। इसमें अगर एक साथ तलाक तलाक तलाक तीन बार मजाक में भी बोल दें तो भी रिश्‍ता खत्‍म हो जाता है। इससे महिलाओं में असुरक्षा की भावना है। मह‍िला ह‍ित को ध्‍यान में रखते हुए देश में तलाक-ए-बिद्दत पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बड़ा फैसला ल‍िया था। कोर्ट ने अगस्‍त में एक साथ तीन तलाक लेने वाले तलाक-ए-बिद्दत को असंवैधानिक करार दि‍या था।
पड़ोसी देशों में तीन तलाक बैन
तीन तलाक के मामले को लेकर भारत में जहां इतना हंगामा बरपा है वहीं पड़ोसी पाक‍िस्‍तान में तीन तलाक का क‍िस्‍सा काफी पहले खत्‍म कर द‍िया गया था। पाक‍िस्‍तान ने इस पर बैन 1955 में तत्‍कालीन प्रधानमंत्री मोहम्मद अली बोगरा वाले मामले के बाद सख्‍त कदम उठाते हुए लिया था। पीएम ने सेक्रेटरी से शादी कर ली थी। इस पर पाक‍िस्‍तान में मह‍िलाओं का गुस्‍सा फूट पड़ा था। इसके बाद यहां पर 1956 से तीन तलाक बैन हो गया। बांग्‍लादेश भी इस मामले में भारत से काफी आगे है। यहां पर अगर क‍िसी दंपत्‍त‍ि को तलाक लेना भी है तो वह तलाक-ए-बिद्दत के अन्तर्गत न लेकर बल्‍क‍ि एक पूरी प्रक्रिया न‍िभाकर अलग होते हैं। इसके साथ बांग्‍लादेश में तलाक से पहले यूनियन काउंसिल के चेयरमैन को शादी खत्म करने से जुड़ा एक नोटिस भी देना पड़ता है। वहीं भारत के पड़ोसी श्रीलंका में तीन तलाक बैन है। यहां मैरिज एंड डिवोर्स (मुस्लिम) एक्ट 1951 के तहत तलाक के ल‍िए पत‍ि को एक मुस्लिम जज को नोटिस देना होता है। इस दौरान पहले घर परि‍वार और समाज के बड़े बुजुर्ग तलाक ले रहे दंपत्‍ति‍ को समझाने का प्रयास करते हैं। सुलह का हर संभव प्रयास होता है, लेक‍िन सफल न होने पर एक मुसलमान जज और दो गवाहों के सामने 30 दिन बाद तलाक होता है।

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