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मिनिस्ट्रीरियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ ने किया जोरदार प्रदर्शन

लखनऊ। मिनिस्ट्रीरियल कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के लोगों ने अपनी 24 सूत्रीय मांगों को लेकर सोमवार को हजरतगंज स्थित गांधी प्रतिमा पर धरना प्रदर्शन किया। वहीं सरकार की नजर अंदाजी से आक्रोशित होकर प्रदेश के सभी जनपदों के हजारों कलेक्ट्रेट कर्मचारियों ने सरकार को जमकर निशाने पर लिया और भविष्य में आरपार की संघर्ष चेतावनी भी दे डाली।

कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष

कलेक्ट्रेट कर्मचारी संघ के प्रदेश अध्यक्ष सुनील कुमार त्रिपाठी व प्रांतीय महामंत्री अरविंद कुमार वर्मा ने बताया कि राजस्व परिषद की संस्कृति के बावजूद सरकार द्वारा कलेक्ट्रेट को विशेष प्रतिष्ठा प्रदान करते हुए कनिष्ठ सहायक का ग्रेड वेतन 2800, वरिष्ठ सहायक का 4200, प्रधान सहायक का 4600, प्रशासनिक अधिकारी का 4800, वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी का 5400, व मुख्य प्रशासनिक अधिकारी का ग्रेड वेतन 6600 रुपए किए जाने, लेखा कार्य करने वाले कर्मचारियों को विशेष वेतन प्रदान किए जाने, क्लिप टेक्निक सेवा संवर्ग नियमावली 2011 पूर्ववत लागू किए जाने, नवसृजित जनपदों में वरिष्ठ प्रशासनिक अधिकारी, नवसृजित तहसीलों में प्रशासनिक अधिकारी का पद सृजित किए जाने, भूलेख लिपिक नामांतरण लिपिक का पद पूर्ववत अधिष्ठान में वापस किए जाने, प्रदेश के सभी सामायिक वासिलबाकी नवीसों का एकमुश्त समायोजित किए जाने और संघ कार्यालय हेतु दारुल सफा में कक्ष आवंटित किए जाने का शासनादेश विगत कई वर्षों से लगातार पत्राचार व अन्य प्रयासों के बावजूद वर्ष 2016 से अभी तक निर्गत नहीं किया गया है।
उन्होंने कहा कि अन्य प्रमुख मांगों में वर्ष 2016 में 5 जनपदों अमेठी, संभल, शामली, हापुड़ व जालौन को तत्कालीन मुख्यमंत्री द्वारा मिनी सचिवालय घोषित करते हुए 16 करोड़ रुपए का बजट भी आवंटित किया गया था। लेकिन अफसरशाही की ढुलमुल नीति के कारण उक्त आदेश को अमली जामा नहीं पहनाया गया। जबकि संघ ने 5 जनपदों की तरह पूरे प्रदेश के समस्त जनपदों के कलेक्ट्रेट को मिनी सचिवालय घोषित किए जाए। संघ की प्रतिष्ठा से जुड़ी मांग नायब तहसीलदार के पद पर कलेक्ट्रेट कर्मियों को 10þ के आरक्षण दिए जाने की मांग भी शासन द्वारा राजस्व परिषद के बीच आज तक झूल रही है।

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