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#Chandrayaan2: बनने ही वाला था इतिहास, जानें… 90 सेकेंड में कैसे बदल गया सब कुछ

भारत के ऐतिहासिक मिशन चंद्रयान-2 के तहत इसरो समेत पूरा देश लैंडर विक्रम का चांद की सतह पहुंचने का इंतजार कर रहा था। सतह पर लैंड करने कुछ समय पहले ही इसरो का लैंडर विक्रम से संपर्क टूट गया। इसरो चीफ सिवन ने पहले ही कहा था लैंड करने के अंतिम 15 मिनट काफी महत्वपूर्ण होगें। उन्होंने कहा 13 मिनट तक तो सब ठीक-ठाक रहा लेकिन आखिरी के 90 सेकंड ने हमारी चांद पर सफलतापूर्वक पहुंचने का सपना अधूरा कर दिया।

बता दें इसरो चीफ सिवन ने पहले ही बताया था कि लैंडर विक्रम की लैडिंग के आखिरी 15 मिनट सबसे अहम होंगे। उन्होंने कहा लैंडर विक्रम रात 1 बजकर 38 मिनट पर चांद की ओर सही तरीके से बढ़ चला था। सिवन ने बताया चंद्रयान-2 की सॉफ्ट लैंडिंग का समय रात 1 बजकर 52 मिनट और 54 सेकंड तय किया गया था। उन्होंने कहा 13 मिनट तक तो सब ठीक-ठाक रहा लेकिन आखिरी के 90 सेकंड ने हमारी चांद पर सफलतापूर्वक पहुंचने का सपना अधूरा कर दिया।

लैंडर विक्रम का चांद की सतह पर लैंड करने में महज 2.1 किलोमीटर दूर यानी 90 सेकंड बचे थे कि आचानक लैंडर विक्रम से इसरो का संपर्क टूट गया। जिसके बाद मिशन से जुड़े वैज्ञानिकों के मन में मायूसी छा गई। वहीं ISRO के चेयरमैन के सीवन ने कहा है इसके आकणों का अध्ययन किया जा रहा है। और इसके लैंडिंग डेटा का आकलन किया जा रहा है। जिसके बाद ही इसरो ये बता पाएगा कि लैंडर विक्रम ने की लैंडिंग सफल हुई है या इसने क्रैश लैंडिंग की है।

बता दें कि इसरो समेत पूरा देश लैंडर विक्रम का चांद की सतह पर लैंड करने का इतंजार कर रहा था। लेकिन इसरो का 2.1 किलोमीटर पहले संपर्क टूट गया। संपर्क टूटने के बाद पीएम मोदी ने इसरो के वैज्ञानिकों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि, जीवन में उतार चढ़ाव आते रहते हैं, भारत को हमारे वैज्ञानिकों पर गर्व है। ये कोई छोटा अचीवमेंट नहीं है, देश आप पर गर्व करता है। उन्होंने कहा ये साहसी होने के क्षण हैं, और हम साहसी होंगे।

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