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कार की पीछे की सीट पर यदि आपने नहीं किया यह काम तो देना पड़ेगा भारी जुर्माना

इन दिनों सड़कों से लेकर सोशल मीडिया तक सभी जगह केवल चालान की ही चर्चा है। रोजाना ही भारी भरकम चालान की खबरें सामने आ रही हैं, वहीं लोग भी चालान के प्रावधानों को लेकर कन्फ्यूज हैं। ड्राइविंग के दौरान आगे की सीट बेल्ट न लगाने पर संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट के तहत 1,000 रुपये तक का जुर्माना भरना पड़ सकता है। वहीं अगर आपने पीछे की सीट बेल्ट नहीं लगाई है तो क्या होगा।

2004 में आया था नोटिफिकेशन सोशल मीडिया पर इसे लेकर जमकर बहस चल रही है कि पीछे की सीटों पर बैठे लोग अगर सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं तो क्या चालान कटेगा। लेकिन मोटर व्हीकल एक्ट में इसका प्रावधान दिया गया है। सेंट्रल मोटर व्हीकल रूल्स के 2004 के नोटिफिकेशन के मुताबिक पीछे की सीटों पर बैठे लोगों को सीट बेल्ट लगाना जरूरी है। इस नोटिफिकेशन को 2005 में लागू कर दिया गया था।

1,000 रुपये का जुर्माना ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक संशोधित मोटर व्हीकल एक्ट में सीट बेल्ट न पहनने पर भारी जुर्माने का प्रावधान है। इस अपराध के लिए जुर्माना बढ़ाकर 1,000 रुपये कर दिया गया है। ट्रैफिक पुलिस के मुताबिक नियमों में स्पष्ट किया गया है कि अगर वाहन निर्माता कंपनी ने पीछे की सीटों पर सीट बेल्ट की सुविधा दी है, तो यह नियम लागू होगा।

एंट्री लेवल वेरियंट्स को छूट वहीं पीछे की सीटों पर सीट बेल्ट एंट्री लेवल वेरियंट्स में नहीं आती है, जबकि ऊंचे वेरियंट्स में रिअर सीट बेल्ट्स की सुविधा मिलती है। ऐसी स्थिति में एंट्री लेवल वेरियंट वाली कार का चालान नहीं होगा। सेक्शन 125 (1ए) कहता है कि कार और दूसरे फोर व्हील्र्स बनाने वाले निर्माताओं को प्रत्येक मोटर व्हीकल में पीछे की सीटों पर सीट बेल्ट देना अनिवार्य है।

सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य इससे पहले ये नियम केवल केवल ड्राइवर और आगे की सीट पर बैठे पैसेंजर पर लागू होता था। सेक्शन 381(3) में स्पष्ट किया गया है कि कार में बैठा प्रत्येक शख्स, चाहें वह आगे बैठे हों या पीछे, चलती गाड़ी में उन्हें सीट बेल्ट लगाना अनिवार्य है। पहले सीट बेल्ट न लगाने पर 500 रुपये का चालान कटता था, वहीं अब नए प्रावधानों में इसे बढ़ा कर एक हजार रुपये कर दिया गया है।

नहीं है ये फीचर तो नहीं देना पड़ेगा जुर्माना नए प्रावधानों में शामिल किया गया है कि अगर पीछे की सीटों पर बैठे लोग सीट बेल्ट नहीं लगाते हैं, तो उनके लिए खतरा पैदा हो सकता है। नियम यह भी स्पष्ट करता है कि अगर वाहन निर्माता ने कार में पीछे की तरफ सीट बेल्ट का प्रावधान नहीं दिया है, तो यह नियम लागू नहीं होगा। अगर आपके पास पुरानी एंट्री लेवल कार है और उनमें पीछे की तरफ सीट का प्रवाधान नहीं दिया गया है, तो आप पर जुर्माना नहीं लगेगा।

गोपीनाथ मुंडे की हो चुकी है मौत आपको ध्यान होगा कि 2014 में केंद्रीय मंत्री गोपीनाथ मुंडे की कार हादसे में मौत हो जाने के बाद रिअर सीट बेल्ट को लेकर जबरदस्त बहस छिड़ी थी। मुंडे उस दौरान पीछे की सीट पर बैठे थे और उन्होंने हादसे के दौरान सीट बेल्ट नहीं लगाई थी। उनकी मौत के बाद सभी बड़े शहरों में ट्रैफिक पुलिस ने लोगों को जागरूक करने के लिए बकायदा एक कैंपेन भी चलाया था। बाद में कैंपेन के बंद होते ही लोगों ने भी सीट बेल्ट बांधना छोड़ दिया था।

रूक सकती हैं 25 फीसदी मौतें इसके बाद केंद्रीय सड़क परिवहन मंत्रालय ने 2014 में सभी कार निर्माताओं को 13 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए चाइल्ड रीस्ट्रैंट सिस्टम को अनिवार्य किया था। नए नियमों के तहत इस नियम का पालन न करने पर 1,000 रुपये के जुर्माने का प्रावधान है। वर्ल्ड हेल्थ आर्गेनाइजेशन के मुताबिक हादसे के दौरान सीट बेल्ट और चाइल्ड रीस्ट्रैंट सिस्टम गंभीर चोट लगने से बचाता है। वहीं देश में 25 फीसदी मौते रिअर सीट बेल्ट न लगाने से होती हैं।

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