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नासा ने अंतरिक्ष में पार्कर सोलर प्रोब के किया लांच

वाशिंगटन। अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने सूर्य के बेहद पास पहुंचने के लिए अपना बहुप्रतिक्षित अंतरिक्षयान लॉन्च कर दिया है। नासा का यह पार्कर सोलर प्रोब एक रोबोटिक स्पेसक्राफ्ट है जो अब तब भेजे गए यानों की तुलना में सूर्य के सबसे करीब जाएगा।

अंतरिक्षयान सूर्य के सबसे बाहरी भाग

अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने यह अंतरिक्षयान सूर्य के सबसे बाहरी भाग कोरोना के वातावरण का अध्ययन करेगा। सूर्य के इसी भाग से सौर वायु (सोलर विंड) की उत्पत्ति होती है। इसे नासा ने फ्लोरिडा प्रांत के केप कैनावेरल से लांच चकिया।
इस मिशन को जोखिम भरा माना जा रहा है क्योंकि सूर्य की सतह से भी ज्यादा इस भाग का तापमान होता है। सूर्य का तापमान करीब छह हजार डिग्री सेल्सियस है। यह यान दूसरे यानों की तुलना में सूर्य के सात गुना ज्यादा करीब जाएगा।

जॉन हॉपकिन्स यूनिवर्सिटी के प्रोजेक्ट वैज्ञानिक निकोल फॉक्स ने पत्रकारों से कहा, ’प्रोब को इस तरह की कठोर परिस्थितियों में भेजने की उच्च महत्वाकांक्षा है।’
जर्मनी की एजेंसी और नासा ने मिलकर साल 1976 में सूर्य के सबसे करीब हेलिअस-2 नामक प्रोब भेजा था। यह प्रोब सूर्य से 4.30 करोड़ किमी की दूरी पर था। धरती से सूर्य की औसत दूरी 15 करोड़ किमी है।

नासा को उम्मीद है कि इस प्रोब से वैज्ञानिक धरती के वातावरण में होने वाले बदलावों की भविष्यवाणी करने में सक्षम हो सकेंगे। नासा के गोडार्ड स्पेस फ्लाइट सेंटर के सौर वैज्ञानिक एलेक्स यंग ने कहा, ’अंतरिक्ष के वातावरण का अनुमान लगाना हमारे लिए बुनियादी रूप से अहम है। अंतरिक्ष में बहुत खराब मौसम होने से धरती पर हमारे पॉवर ग्रिड पर असर पड़ सकता है।’

 

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