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जाने क्यों 38 साल बाद नागपंचमी होगी खास

श्रावण सोमवार पर 13 अगस्त को हरियाली तीज का होना शुभ माना जा रहा है। दूसरी तरफ 38 साल बाद नागपंचमी बुधवार को हस्त नक्षत्र व सर्वार्थ सिद्धि योग रहेगा।जो पंचमी के शुभता में वृद्धि का कारक होगा।

नागपंचमी : तीज पर त्यागें तीन बातें

श्रावण मास के सोमवार को हरियाली तीज होना भी शुभ माना गया है। विवाहित महिलाएं विधि-विधान से मां गौरी का पूजन करें। बता दें ऐसी मान्यता है कि इस दिन ही विरहाग्नि में व्यथित देवी गौरा देवाधि देव शिव से मिली थीं तथा आलिंगनबद्ध होकर प्रसन्नता से झूम उठीं थीं। इस दिन महिलाएं मां पार्वती की पूजा करती हैं।

नवविाहिताएं अपने पीहर में आकर यह त्योहार मनाती हैं। इस दिन व्रत रखकर विशेष श्रृंगार कर मेहंदी आदि लगाई जाती है। इस त्योहार पर तीन चीजें त्यागना चाहिए जिसमें पति से छल-कपट, झूठ एवं दुर्व्यवहार, परनिंदा छोड़ना चाहिए। 13 वर्ष बाद 13 अगस्त को श्रावण सोमवार पर हरियाली तीज रहेगी। इस दिन पौधरोपण करने से पितृ प्रसन्न होते हैं।

15 अगस्त 1980 को भी इस प्रकार के ग्रह बने

1980 में भी बना था ऐसा संयोग 15 अगस्त बुधवार को इस बार नाग पंचमी हस्त नक्षत्र साध्य योग एवं कन्या राशि के चन्द्र के विद्यमान रहते मनाई जाएगी। इस दिन बुधवार को हस्त नक्षत्र का होना सर्वार्थ सिद्धि योग बनाएगा। कालसर्प दोष के निवारण की पूजा करने का यह विशिष्ट दिन है। संयोग से बुधवार के दिन बुध की राशि में चन्द्रमा के साक्षी में इस तरह के संयोग के अंतर्गत नाग पंचमी का होना अति उत्तम माना गया है।

इसके चलते सूर्य, राहु, बुध का कर्क राशि में गोचरस्थ रहना और उदय कालिक कुंडली में कर्कोटक काल सर्प योग का बनना विशेष खगोलीय घटनाक्रम है। 15 अगस्त 1980 को भी इस प्रकार के ग्रह बने थे। देश की आजादी के बाद से यह दूसरा मौका जब नागपंचमी 15 अगस्त को होगी।

इस दिन उदय कालिक कुंडली में कर्कोटक काल सर्प योग बनना विशेष खगोलीय घटनाक्रम है।

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