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फाइलेरिया व कृमि रोग से मुक्ति अभियान 20 से

बहराइच. जन सामान्य को फाइलेरिया एवं कृमि रोग से मुक्ति प्रदान किये जाने के परिप्रेक्ष्य में भारत सरकार द्वारा निर्धारित लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए जनपद में 20 से 22 मार्च 2017 तक फाइलेरिया मास का आयोजन किया जायेगा। अभियान अवधि के दौरान जनपद के सभी अस्पतालों, चिकित्सा केन्द्रों, स्कूलों तथा घर-घर जाकर लक्षित समूह के बच्चों तथा अन्य लोगों को फाइलेरिया की खुराक प्रदान की जायेगी। अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से 20 से 22 मार्च के तत्काल बाद 23 से 25 मार्च 2017 तक माॅप अप राउण्ड संचालित किया जायेगा ताकि प्रथम चक्र में छूटे हुए सभी लक्षित वर्ग को दवा की खुराक पिलाई जा सके।

फाइलेरिया उन्मूलन के लिए संचालित होने वाले अभियान के सम्बन्ध में कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक के दौरान मुख्य चिकित्साधिकारी डा. अरूण लाल ने बताया कि अभियान के दौरान 2 वर्ष से कम आयु के बच्चों, गर्भवती माताओं एवं गम्भीर रूप से बीमार व्यक्तियों को छोड़कर अन्य सभी को फाइलेरिया रोग की औषधि डाई-इथायल कार्बामेज़ीन साइट्रेट(डी.ई.सी.) का सेवन कराया जायेगा। किसी भी व्यक्ति को खाली पेट दवा नहीं खिलाया जाना है। कुछ खिला देने के बाद ही दवा का सेवन कराया जाएगा। डा. लाल ने बताया कि 2 वर्ष से अधिक एवं 5 वर्ष से कम आयु वर्ग को 100 मि.ग्रा. की 1 गोली, 5 वर्ष से अधिक एवं 15 वर्ष से कम आयु वर्ग को 2 गोली तथा 15 वर्ष से अधिक आयु वर्ग के लोगों को डीईसी की 3 गोली खिलायी जायेगी। डा. लाल ने बताया कि कृमि रोग से मुक्ति के लिए उपरोक्त सभी लक्षित समूह वर्ग के लोगों को अलबेन्डाज़ाॅल 400 मि.ग्राम की 01-01 गोली खिलायी जायेगी। सभी को यह गोली पानी के साथ चबाकर खानी चाहिए।

सीएमओ डा. लाल ने बताया कि जनपद में अभियान की सफलता सुनिश्चित करने के लिए 4174 टीमें गठित की गयी हैं जो लक्षित वर्ग को औषधि सेवन करायेंगी। प्रत्येक 08 से 10 टीमों पर 1-1 सुपरवाइज़र तैनात किये जा रहे हैं जो दवा खिलाने के साथ-साथ पर्यवेक्षण का कार्य भी करेंगे। पूरे जनपद में 468 सेक्टर सुपरवाइज़र लगाए गये हैं जो अपने-अपने सेक्टर में तैनात टीमों को औषधि उपलब्ध कराने के प्रति उत्तरदायी होंगे। सामुदायिक एवं प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों के अधीक्षक एवं प्रभारी चिकित्साधिकारियों,  जिला मलेरिया तथा फाइलेरिया नियंत्रण अधिकारी द्वारा अर्बन एरिया/विलेज लेबिल माइक्रोप्लान तैयार कर लिया गया है। जिला मुख्यालय पर एकत्र सम्बन्धित औषधियों को ब्लाक मुख्यालयों पर पहुॅचाने का कार्य किया जा रहा है। नाईट ब्लड सर्वे तथा कार्मिकों के प्रशिक्षण का कार्य भी सम्पन्न हो गया है।

सीएमओ डा. लाल ने बताया कि फाइलेरिया एक प्रकार की कृमि निमैटोड परजीवी द्वारा होने वाली बीमारी है। यह एक विशेष प्रकार के मच्छर द्वारा फैलती है। इस रोग में व्यक्ति के लटके भागों में सूजन (लिम्फोडिमा) एवं हाइड्रोसील जैसे लक्षण हो जाते हैं। डा. लाल ने बताया कि किसी व्यक्ति विशेषकर बच्चों में कृमि संक्रमण होने से बच्चों का शारीरिक एवं बौद्धिक विकास बाधित होता है साथ ही उनके पोषण एवं होमोग्लोबीन स्तर पर भी दुष्प्रभाव पड़ता है। इसलिए बच्चों को हर छः माह के अन्तराल पर अलबेन्डाज़ाॅल की खुराक ज़रूर देनी चाहिए।

बैठक के दौरान जिलाधिकारी अजयदीप सिंह ने मुख्य चिकित्साधिकारी को निर्देश दिया कि विशेष आबादी वाले क्षेत्रों जैसे स्कूल, अस्पताल, कार्यालय, इण्डस्ट्रीज़, जेल, प्रोजेक्ट बाज़ार, बस स्टैण्ड, रेलवे स्टैण्ड तथा स्थानीय मेलों एवं हाटों में दवा की खुराक देने के विशेष प्रबन्ध किये जायें। डीईसी की खुराक को खाली पेट लेने की मनाही को दृष्टिगत रखते हुए जिलाधिकारी श्री सिंह ने सीएमओ व बीएसए को निर्देश दिया कि स्कूलों में मिड डे मील के बाद दवा की खुराक दी जाय। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि यद्यपि डीईसी औषधि को अत्यन्त सुरक्षित माना जाता है फिर भी कभी-कभी किसी व्यक्ति को रिएक्शन हो सकता है।

जिलाधिकारी ने कहा कि आवश्यकता की स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए प्रतिकूल प्रतिक्रिया प्रबन्धन के लिए रैपिड रिस्पांस दलों, औषधि वितरकों एवं पर्यवेक्षकों को ऐसे रोगियों को निकटतम चिकित्सालय एवं स्वास्थ्य केन्द्रों पर संदर्भित कराये जाने के सम्बन्ध में ज़रूरी जानकारी अवश्य प्रदान कर दी जाय। जिलाधिकारी ने यह भी निर्देश दिया कि अभियान की रिपोर्टिंग तथा पर्यवेक्षण कार्य को शीर्ष प्राथमिकता प्रदान करते हुए इसके डाक्यूमेन्टेशन पर भी विशेष ज़ोर दिया जाय।

जिलाधिकारी अजयदीप सिंह ने आमजन से अपील की है कि अभियान के दौरान दवा की खुराक अवश्य लें ताकि फाइलेरिया एवं कृमि संक्रमण जैसे रोगों के प्रभाव को खत्म कर रोगरहित समाज का निर्माण हो सके। बैठक में जिला समन्वय समिति के सदस्य व अन्य सम्बन्धित अधिकारी मौजूद रहे।

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