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Journalists की बेरहमी से पिटाई,हमलावरों के खिलाफ एफआईआर दर्ज

रायबरेली। गिरोहबंद शातिर अपराधियों द्वारा अवैध नर्सिंग होम चलाने की खबर लिखने वाले हिन्दी दैनिक के Journalists पत्रकार सैयद अख्तर अली को अगवा करके पीट पीटकर अधमरा करके सामान लूटने के मामले में पुलिस ने एफआईआर दर्ज करते हुए मामले की जांच शुरू कर दी है।

सीएमओ कार्यालय से चंद किमी. की दूरी पर चम्पा देवी मंदिर, अली मियां कालोनी में होलिस्टिक केयर हॉस्पिटल नाम से अवैध नर्सिंग होम का संचालन पिछले कई महीनों से चल रहा था।मिली पुख्ता जानकारी के अनुसार यह नर्सिंग होम सीएमओ कार्यालय से पंजीकृत नहीं है। यहां कोई नियमित डाक्टर नहीं है न ही प्रशिक्षित स्टाफ। इन गंभीर खामियों के बीच मरीजों को इलाज का झांसा देकर भर्ती करने का खेल धड़ल्ले से चल रहा था।

इस मामले को प्रमुखता से उठाते हुए खबरें प्रकाशित की थी। खबरों का संज्ञान लेते हुए सीएमओ ने इस अवैध नर्सिंग होम के संचालक उस्मान, रिज़वान व शिवम शुक्ला को कड़ी चेतावनी देकर इलाज के नाम पर फर्जीवाड़ा बंद करने का आदेश दिया था। ताला लगने व काली कमाई बन्द होने से इन लोगों ने संवाददाता को सबक सिखाने की सुनियोजित साज़िश रच डाली।

Journalists को रास्ते में पकड़कर

इसके तहत 24 दिसंबर को दोपहर 3ः30 पत्रकार Journalists को रास्ते में पकड़कर हमला कर दिया। उस्मान, रिज़वान, अजीत सिंह सहित उनके 10-12 गुर्गों ने लाठी, डंडे, घूंसा, लात, थप्पड़ से बेतहाशा पिटाई किया। सरेआम पिटाई होते देख तमाशबीनों की भीड़ लग गयी लेकिन हमलावरों के उग्र तेवर व हाथों में लाठी, डंडा देखकर कोई बचाने के लिए सामने नहीं आया। जमकर पीटने के बाद हमलावर घायल पत्रकार को कार में लाद ले गए।

कमरे में बंद करके सादे कागज पर

चलती कार में पत्रकार की कमर में असलहा लगाकर थप्पड़, घूंसे और कोहनी से पीटते रहे। उसके पास रखे 10500 रुपये, दो पेन ड्राइव, कलाई घड़ी, चश्मा निकाल लिए। इसके बाद एक वकील के यहां ले जाकर कमरे में बंद करके सादे कागज पर बोलकर मनमाफिक तहरीर लिखवाकर दस्तखत करा लिए। इसके बाद होलिस्टिक केयर हॉस्पिटल ले गए और जान से मारने की धमकी देकर रिहा किया। यह भी कहा दोबारा रायबरेली में दिखे तो हत्या कर लाश गायब कर देंगे।

पीड़ित उनके कब्जे से रिहा होने के बाद सदर कोतवाली पहुंचा और अपने साथ हुए मारपीट, लूटपाट व जान से मारने की धमकी देने की प्राथमिकी दर्ज करने को कहा। हालांकि प्राथमिकी दर्ज न कराने के लिए घायल पीड़ित को घंटों कोतवाली में बैठाकर दबाव बनाया गया। प्रेस काउसिंल आफॅ इंडिया के सदस्य रजा रिजवी,हाई कोर्ट के अधिवक्ता एमपी सिंह व नवसत्ता के ब्यूरो प्रमुख नीरज श्रीवास्तव द्वारा इस मामले को उच्चाधिकारयों के संज्ञान में लाने के बाद पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर पुलिस को मजबूरन एफआईआर दर्ज करना पड़ा। भा.द.वि. की धारा 395, 147, 342, 323 व 506 के तहत अभियोग पंजीकृत करके सब इंस्पेक्टर संजय कुमार सिंह को विवेचना सौंपी गई। इसके पहले ज़िला अस्पताल में पीड़ित का मेडिकल जांच हुई।

 

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