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Govardhan को बीजेपी ने सौंपी लोकसभा चुनाव की जिम्मेदारी

लखनऊ। 2019 की तैयारियों में जुटी भारतीय जनता पार्टी ने बुधवार को उत्तर प्रदेश सहित 18 राज्यों के लोकसभा चुनाव प्रभारियों व सह प्रभारियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में सबसे ज्यादा तीन नाम उत्तर प्रदेश से हैं। बीजेपी ने सूबे में जिन पार्टी पदाधिकारियों को लोकसभा चुनाव का प्रभारी व सह प्रभारी नियुक्त किया है, उनमें Govardhan गोवर्धन झडापिया, दुष्यंत गौतम और नरोत्तम मिश्रा के नाम शामिल है। इन पदाधिकारियों के जरिये भारतीय जनता पार्टी ने आम चुनाव में जातीय समाकरण साधने की कोशिश की हैं।

सबसे ज्यादा चर्चा Govardhan की

यूपी के लोकसभा चुनाव प्रभारियों में सबसे ज्यादा चर्चा Govardhan गोवर्धन झडापिया की है, जिन्हें पार्टी में वापसी के बाद उत्तर प्रदेश जैसे महत्वपूर्ण राज्य की जिम्मेदारी सौंपी गई है। गोवर्धन झडापिया को गुजरात के कद्दावर नेताओं में गिना जाता है। राजनीतिक विश्लेषकों की मानें तो गोवर्धन झडापिया को यूपी की जिम्मेदारी सौंपकर बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह ने बड़ा दांव खेला है। हालांकि, यह उनके लिए इतना आसान नहीं रहने वाला है। गोवर्धन झडापिया गुजरात के बड़े बीजेपी नेता हैं। नरेंद्र मोदी के मुख्यमंत्रित्व काल में वह मंत्री भी रह चुके हैं। हालांकि, गुजरात दंगों के बाद उन्होंने पार्टी से इस्तीफा दे दिया था, लेकिन फिर से उन्होंने भाजपा में वापसी की है।

झडापिया समेत दोनों प्रभारियों के सामने कई अहम चुनौतियां मुंह बाये खड़ी हैं। उनके लिए यूपी की डगर आसान नहीं रहने वाली है। उनके सामने जो प्रमुख चुनौतियां हैं, उनमें से प्रमुख पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के बीच सामन्जस्य स्थापित करने के साथ ही एनडीए के घटक दलों से तालमेल बिठाना है।

इसके अलावा उत्तर प्रदेश का जातीय समीकरण भी समझना झडापिया के लिए इतना आसान नहीं होगा और बिना इसे समझ प्रत्याशियों का चयन करना इनके लिए मुश्किल होगा। इसके अलावा उनके सामने विपक्षी दलों के संभावित गठबंधन से निपटना भी बड़ी चुनौती होगी।

यूपी का जातीय समीकरण समझना आसान नहीं बीजेपी ने 2014 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के दम पर 80 में से 71 सीटें जीती थी, लेकिन इस बार के राजनीतिक हालात काफी अलग हैं। बीजेपी का यूपी चुनाव में हिंदुत्व और ध्रुवीकरण मुख्य हथियार होगा। इसके अलावा यूपी के जातिगत समीकरणों पर नजर डालें तो इस राज्य में सबसे बड़ा वोट बैंक पिछड़ा वर्ग है। इसीलिए यूपी में अगड़ा, पिछड़ा और अनुसूचित जातियों को लामबंद करने के लिए बीजेपी ने गोवर्धन झडापिया के साथ दो सहप्रभारी लगाए हैं।

 

 

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