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भारतीय तिथि के अनुसार मनाई गई लौहपुरुष की जयंती

लखनऊ। महापुरूष स्मृति समिति की ओर से शुक्रवार को भारतीय तिथि के अनुसार देश के पूर्व उप प्रधानमंत्री  सरदार वल्लभ भाई पटेल की जयन्ती मनाई गई। इस अवसर पर हजरतगंज के जीपीओ पार्क स्थित लौहपुरुष सरदार  पटेल की प्रतिमा पर समिति के स्वयं सेवकों द्वारा माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। वैसे लौह पुरूष का जन्मदिवस पूरे देश में धूमधाम से 31 अक्टूबर को मनाया जाता है, उनका जन्मदिवस 31 अक्टूबर 1875 को हुआ था । भारतीय तिथि के अनुसार स्व. पटेल का जन्मदिवस अनुराधा नक्षत्र में कार्तिक शुक्ल पक्ष द्वितीया को हुआ था, उस समय विक्रम संवत 1939 व शक संवत 1792 था।

लौहपुरुष विश्व भर में एकता के प्रतीक

स्व. पटेल की प्रतिमा पर माल्यार्पण करने के पश्चात मुख्य स्वयंसेवक के रूप में उपस्थित डा. हरमेश सिंह चौहान ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि भारतीय तिथि के अनुसार इस वर्ष सरदार पटेल की जयन्ती विशेष और अभूतपूर्व हैं, क्योंकि इस वर्ष उनकी जयन्ती पर गुजरात राज्य में नर्मदा नदी के तट पर 182 मीटर ऊँची एकता की प्रतिमा (स्टैच्यू ऑफ यूनिटी) का लोकार्पण किया गया है, जो विश्व भर में एकता के प्रतीक के रूप में सर्वमान्य स्तर पर देखी जाएगी।

सरदार पटेल ने अपना जीवन किसानों

लौह पुरूष को माल्यार्पण करने के पश्चात लखनऊ के प्रतिष्ठित व्यक्ति एनपी सिंह ने अपने विचार व्यक्त करते हुए कहा कि जिस प्रकार ऊँचाई में हिमालय का, पवित्रता में गंगाजी का, गहराई में समुद्र का सर्वोच्च स्थान है। इसी श्रेणी में लौह पुरूष सरदार पटेल की प्रतिमा भी शामिल हो गयी है। यह प्रतिमा देशवासियों के लिए गौरवान्वित करने वाली और स्व. पटेल को सही मायने में सच्ची श्रद्धांजलि है।

राज्य कर्मचारी नेता संदीप सिंह चौहान ने कहा कि सरदार पटेल ने अपना जीवन किसानों और राष्ट्र की सेवा में समर्पित करते हुये अपना सर्वस्व न्योछावर कर दिया।

कृषिधन सीड्स के महाप्रबंधक संतोष सिंह ने कहा कि राष्ट्र के प्रति अपने दायित्वों के निर्वहन में उन्हें लौहपुरूष व बारडोली किसान सत्याग्रह ने उन्हें सरदार की उपाधि से सम्मानित किया गया।

समिति के स्वयंसेवक माता प्रसाद चतुर्वेदी ने कहा कि वह अपने जीवन में वास्तविक रूप से लौहपुरूष साबित हुये क्योंकि राष्ट्रहित में जो भी संकल्प वह कर लेते थे उससे पीछे नहीं हटते थे।

सरदार पटेल देश की अखण्डता और

युवा भाजपा नेता अमरेश कुमार ने कहा कि केन्द्र सरकार द्वारा दुनिया की सबसे बड़ी प्रतिमा सरदार पटेल के किये हुए कार्यों को यादगार बनाने के लिए सराहनीय कार्य किया। क्योंकि सरदार पटेल देश की अखण्डता और एकता के प्रतीक थे।

समिति के स्वयंसेवक एवं वरिष्ठ पत्रकार बृजनंदन ने कहा कि लौह पुरूष का जीवन दर्शन वर्तमान और भावी पीढ़ी को देश की एकता और अखण्डता के लिए प्रेरित करेगा।

माल्यार्पण कार्यक्रम में अपना बहुमूल्य समय देने एवं राष्ट्रीय एकता मिशन द्वारा सहयोग करने के लिए समिति के अध्यक्ष भारत सिंह ने सभी स्वयं सेवकों का आभार व्यक्त किया। सरदार पटेल के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर विभिन्न वक्ताओं द्वारा प्रकाश डाला गया।

उल्लेखनीय है कि महापुरूष स्मृति समिति द्वारा राष्ट्र निर्माण और भारतीय संस्कृति के उन्नयन के लिए कार्य करने वाले ऐसे हर महापुरूषों का भारतीय तिथि के अनुसार जन्मदिवस मनाया जाता है। इसी क्रम में देश ही नहीं पूरे विश्व में राष्ट्रीय एकता के प्रतीक रहे देश के उप प्रधानमंत्री रहे लौह पुरूष सरदार बल्लभ भाई पटेल की जयंती पर उनकी प्रतिमा पर माल्यार्पण कर उन्हें श्रद्धांजलि दी गई।

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