माफिया मुन्ना बजरंगी जिसकी हत्या बागपत जेल में हुई थी, के बाद जेलों की सुरक्षा के बढ़चढ़ कर दावे किये गए थे लेकिन, यह दावे फुस्स होते दिखे जब यह ताजा मामला सामने आया है। डीआईजी जेल उमेश चंद्र श्रीवास्तव ने पूरे मामले में जांच की बात कही है परन्तु Unnao जेल प्रशासन ने फजीहत से बचने के लिये घटना से इंकार कर दिया।
Unnao : जेल नहीं सुरक्षित
बागपत जेल में माफिया मुन्ना बजरंगी की हत्या के बाद जेलों की सुरक्षा के बड़े बड़े दावे किये गए लेकिन, यह दावे हवा-हवाई ही साबित हो रहे हैं। उन्नाव जिला जेल में, जब पेशी पर ले जाने से पहले दो अपराधियों की चेकिंग की गई तो उनके पास से पांच मोबाइल फोन मिलने से हड़कंप मच गया। अपराधियों ने मोबाइल बरामदगी करने वाले बंदीरक्षको व उनके परिवार को जान से मारने की धमकी भी दे डाली।
अपराधि थे हाईसिक्योरिटी बैरक में बंद
अमेठी के शाहमऊ मोहनगंज निवासी विवेक शुक्ल उर्फ विनय पर गैंगस्टर, लूट, डकैती और आपराधिक षडयंत्र रचने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं। उसे बीती 4 नवंबर 2017 को लखनऊ जिला जेल से उन्नाव जिला जेल शिफ्ट किया गया था। उस पर गैंगस्टर, डकैती, लूट, और आपराधिक षडय़ंत्र रचने जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमे दर्ज हैं।
इसी तरह सौरभ शर्मा उर्फ हैप्पी निवासी साउथ सिटी रायबरेली रोड लखनऊ को 10 सितंबर 2015 को अपहरण, रेप समेत अन्य मुकदमों में उन्नाव जेल लाया गया था। दोनों को जेल की हाई सिक्योरिटी बैरक में रखा गया है। इन दोनों मुजरिमो को पेशी पर ले जाने से पहले जब जेल अधीक्षक समेत अन्य जेल अधिकारियों व कर्मियों ने सभी की तलाशी ली तो इस दौरान एक बंदीरक्षक को विवेक व सौरभ के पास दो-दो मोबाइल बरामद हुए। दोनों से मोबाइल कब्जे में लेने के बाद अन्य बैरकों की तलाशी शुरू कराई गई, जिसमें एक और मोबाइल बरामद हुआ।
जेल अधीक्षक समेत, अधिकारियों ने साधी चुप्पी
बंदीरक्षक से गालीगलौज कर उसे व उसके परिवार को खत्म कर देने की धमकी दी। लेकिन अधिकारियों ने दोनों बंदियों को पुलिस सुरक्षा में पेशी पर भेज पूरे मामले पर पर्दा डाल दिया। एसपी हरीश कुमार ने भी जेल अधीक्षक से जानकारी लेकर मोबाइल मिलने की बात से इन्कार कर दिया परन्तु डीआइजी जेल लखनऊ रेंज उमेश श्रीवास्तव ने मामला संज्ञान में लेकर जांच की बात कही है।