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Tag Archives: Ghazal

रातभर

रातभर ये दिल क्यूँ मचलती रही रातभर नींद भी गायब रही रातभर।। वो तस्वीर जो पहली मुलाकात की बार बार सामने आती रही रातभर।। वो मुस्कुराहट कितनी हसीन थी बार बार याद आती रही रातभर।। वो शिकायत भरी जो बाते थी तेरी बार बार रूलाती रही रातभर।। हँसना चिढाना और ...

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भारतीय साहित्यिक विकास मंच द्वारा “Parvaz-e-Ghazal” का विमोचन

नई दिल्ली। भारतीय साहित्यिक विकास मंच के तत्वावधान में विशेष काव्य संध्या का आयोजन दिल्ली के श्री निवास पुरी स्थित राधा कृष्ण मंदिर में सम्पन्न हुआ। इस सुअवसर पर ‘अजय अज्ञात’ के संपादन में “शब्दांकुर प्रकाशन” से प्रकाशित साझा ग़ज़ल संकलन ” परवाज़-ए-ग़ज़ल” (Parvaz-e-Ghazal) का विमोचन भी हुआ। सहयोगी संस्थाओं ...

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