हर देश का अपने विधि विधान होते हैं, जिसके अनुसार लोग संस्कार को करते हैं। इसके अनुसार आपने इंसानों का श्राद्धकर्म होते देखा होगा और सुना होगा। लेकिन क्या आपने किसी Owl का श्राद्धकर्म होते सुना है? शायद इसके लिए आपका जवाब नहीं होगा। लेकिन ये बिहार में विधिवत किया गया। जिसमें पूरे संस्कारों को निभाते हुए बड़े ब्रह्मभोज भोज का आयोजन किया गया। इसके साथ लोगों को प्रसाद वितरित किया गया।
राधा-कृष्ण मंदिर में घायल Owl की हो गई थी मौत
बिहार के सुपौल जिले के कर्णपुर गांव स्थित प्राचीन राधा-कृष्ण मंदिर परिसर में एक Owl घायल अवस्था में मिला था। इस दौरान ग्रामीणों ने उसे उठाकर उसका इलाज कराया। हालांकि इलाज के बाद भी उल्लू की जान नहीं बची। इसके बाद ग्रामीणों ने उसका विधि-विधान के साथ अंतिम संस्कार करने का प्लान किया क्योंकि उल्लू देवी लक्ष्मी का वाहक माना जाता है। ऐसे में उल्लू के शव को नववस्त्र में लपेटकर रखा गया। बड़ी संख्या में लोग उसके अंतिम दर्शन करने के लिए पहुंचे थे।
- मंदिर परिसर में ही उसका अंतिम संस्कार किया।
- इसके बाद उल्लू का श्राद्धकर्म करने का निर्णय लिया गया।
- पूरे गांव से इसके लिए एक बड़ी राशि एकत्रित की गई थी।
- इसके बाद मंदिर परिसर में ही कुंवारी कन्याओं का भोजन कराया गया।
- इसके साथ ही सामूहिक भोज का आयोजन हुआ, जिसमें बड़ी संख्या में लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।
- कर्णपुर गांव के लोगों का यह काम आस-पास के इलाकों में चर्चा में बना है।
- इसके पहले इस गांव के लोग दूसरे जीवों की मौत पर ऐसे कार्यक्रम आयोजित कर चुके हैं।
- यहां के लोग घायल जीवों का इलाज कर उन्हें नया जीवन देने की पूरी कोशिश करते हैं।