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लेबनान में रखे Diamond ‘नस्‍साक’ को वापस लाने की मांग

नास‍िक स्‍थ‍ित त्रयंबकेश्वर मंद‍िर का ट्रस्‍ट लंबे समय से नीले नस्साक Diamond को लेबनान से वापस लाने की मांग कर कर रहा है। बताया जा रहा की यह हीरा श‍िव जी के मुकुट में जड़ा था। अब मंद‍िर ट्रस्‍ट ने द‍िल्‍ली स्‍थ‍ित भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार यानी क‍ि एनएआई से संपर्क साधा है। हाल ही में ट्रस्‍ट ने एनएआई के अधि‍कार‍ियों को ज्ञापन सौंपते हुए लेबनान से श‍िव जी की इस नेत्र को वापस लाने की मांग की है।

‘नस्‍साक’ Diamond भगवान श‍िव का नेत्र

प्राचीन हिन्दू मंदिर त्रयंबकेश्वर देवस्थान की न्यासी ललिता शिंदे के अनुसार, नीला नस्‍साक हीरा दुनिया के सबसे बड़े हीरों में से एक है। खास बात तो यह है क‍ि नीले नस्साक हीरे को भगवान शिव का नेत्र भी कहा जाता है। 15वीं सदी में यह त्रयंबकेश्वर शिव मंदिर की सजावट में शाम‍िल था। नीले नस्साक हीरे का वजन 43.38 कैरट या 8,676 ग्राम था। यह हीरा कोलकुर के गोलकोंडा खानों में पाया गया था।

बहुत कीमती है ‘नीला नस्‍साक हीरा’

प्राचीन हिन्दू मंदिर त्रयंबकेश्वर देवस्थान की न्यासी ललिता शिंदे का कहना है क‍ि नीला नस्‍साक हीरा बहुत ही कीमती है। प्राचीन काल में यह हीरा त्रयंबकेश्वर मंद‍िर में श‍िव जी की प्रत‍िमा में लगे मुकुट में जड़ा था लेक‍िन कहा जाता है क‍ि इसे कई शासकों ने लूटा था।
बता दें यह हीरा अब लेबनान के एक निजी संग्रहालय में रखा हुआ है। इस संबंध में त्रयंबकेश्वर मंद‍िर का ट्रस्‍ट कई बार केंद्र सरकार से भी इसे वापस लाने की गुहार लगा चुका है।

नस्‍साक हीरे को वापस लाने की मांग

त्रयंबकेश्वर मंद‍िर का ट्रस्‍ट राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के साथ इससे जुड़े दूसरे विभागों को भी पत्र लिख कर हीरा वापस लाने मांग कर चुकी है। हालांक‍ि उन्‍हें क‍िसी की ओर से कोई जवाब नहीं नहीं म‍िला। इसल‍िए अब भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार से संपर्क क‍िया है। त्रयंबकेश्वर देवस्थान के सदस्‍यों ने गुरुवार को भारतीय राष्ट्रीय अभिलेखागार के अधि‍कार‍ियों को ज्ञापन सौंपते हुए लेबनान के निजी संग्रहालय से नस्‍साक हीरे को वापस लाने की मांग की है।

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