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जांच में दोषी पाये गये उपनिदेशक निर्माण,कार्यवाही तय

लखनऊ। मंडी परिषद के उपनिदेशक निर्माण ने गड्ढामुक्त योजना में किये गये फर्जीवाड़े के खुलासे के बाद चीफ इंजीनियर की जांच में उपनिदेशक दोषी पाये गये, जिसके निदेशक मंडी ने चुनाव बाद उन पर कार्यवाही करने की बात कही है।

उप निदेशक निर्माण फैजाबाद हरिराम द्वारा

ज्ञात हो कि प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही गड्ढा मुक्ति योजना में अम्बेडकर नगर के जलालपुर के मसोढ़ा से नसोपुर घाट तक की सड़क को बीते दिनों लोक निर्माण विभाग द्वारा बनायी गयी थी, जबकि यह सड़क मंडी परिषद की बतायी जा रही है। कमीशन के चक्कर में लोक निर्माण द्वारा बनायी गयी इसी सड़क को मंडी परिषद के फैजाबाद संम्भाग के उपनिदेशक निर्माण हरिराम द्वारा उसे फिर से बनवाने की तैयारी कर रहे थे। इस मामले की भनक जब जलालपुर अम्बेडकर नगर के विधायक को लगी तो उन्होंने मंडी निदेशक से इस मामले की लिखित शिकायत की, शिकायकर्ता की माने तो उप निदेशक निर्माण फैजाबाद हरिराम द्वारा 7 अन्य मार्ग पर मरम्मत कार्य के लिए टेण्डर किये जा रहे हैं, जिसमें 1 या 2 मार्ग पर आंशिक रूप से मरम्मत योग्य है, बाकी मार्ग सुगम यातायात योग्य है, जबकि ठीक इसके विपरीत सभी 7 मार्गो को पूर्णतया मरम्मत के लिए टेण्डर निकाले जाने की तैयारी है।

ऐसे अखबारों में निविदा जिनका प्रसार

निदेशक से शिकायत में बताया गया कि ऐसे अखबारों में निविदा निकाली गयी जिनका प्रसार कम है। शिकायत में कहा गया कि मंडी परिषद फैजाबाद द्वारा जिन कामों की निविदा की गयी है उसके स्वीकृत का आंकलन किसी उच्च अधिकारी द्वारा स्थ्लीय सत्यापन कराने के बाद ही टेण्डर किये जायें, जिससे सरकारी धन की बर्बादी न हो सके व अनियमित्ता करने वाले दोषियों के विरूद्ध कार्यवाही की जाये।

विभागीय मंत्री स्वाती सिंह ने भी श्री हरिराम के

इसके बाद निदेशक मंडी रमाकान्त पाण्डेय के आदेश पर चीफ इंजीनियर एसएन मिश्रा ने जांच कर निदेशक को रिर्पोट सौंप दी, वहीं इस बारे में जब निदेशक मंडी से जानकारी की गयी तो उन्होंने बताया कि जांच में आरोप सही पाये गये हैं, क्योंकि मौजूदा समय उपनिदेशक की चुनाव में ड्यूटी लगी है, इसलिए चुनाव बाद उन पर कार्यवाही की जायेगी। सूत्रों की माने तो बीते महीनो सभी डीडीसी की बैठक में विभागीय मंत्री स्वाती सिंह ने भी श्री हरिराम के कामों पर गहरी नाराजगी व्यक्त की थी, उन्होंने यहां तक कह दिया था कि अगर जांच में दोषी पाये जाते हैं तो हरिराम के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर इन्हें जेल भेजा जाये। विभागीय सूत्रों की माने तो उपनिदेशक निर्माण हरिराम के खिलाफ और भी कई जांचे चल रही है। भ्रष्टाचार से इनका गहरा नाता रहा है, विभागीय जांचों के कारण इनका डीडीसी से जेडीसी की प्रोन्निती का लिफाफा भी अभी तक बंद है।

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