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Shaheed Swabhimaan Yatra : लखनऊ आगमन पर स्वागत समारोह का आयोजन

लखनऊ। देश के शहीदों और वीर जवानों के प्रति देशभर में अलख जगाने वाली ऐतिहासिक Shaheed Swabhimaan Yatra (शहीद स्वाभिमान यात्रा) का शुभारंभ इंडिया गेट से भारतीय थलसेना अध्यक्ष जनरल बिपिन रावत के प्रतिनिधि मेजर जनरल अशोक नरुला ने झंडी दिखाकर किया।

Shaheed Swabhimaan Yatra : अवंति बाई लोधी स्मारक जाकर मिट्टी एकत्रित..

‘स्वाभिमान देश का’ संगठन द्वारा आयोजित यह 25 हजार किलोमीटर लंबी Shaheed Swabhimaan Yatra (शहीद स्वाभिमान यात्रा) दिल्ली से प्रारंभ होकर देश के सभी 29 राज्यों से होकर वापस दिल्ली लौटगी। 90 दिन (तीन माह) तक चलने वाली इस यात्रा का नेतृत्व संस्थापक अध्यक्ष सुरेंद्र सिंह बिधूड़ी कर रहे हैं।

श्री बिधूड़ी ने कहा कि देश में भारत मां के वीर सपूत शहीद-ए-आज़म भगत सिंह की सबसे विशाल प्रतिमा की स्थापना करना उनका एक बड़ा लक्ष्य है। जिसके लिए इस यात्रा के माध्यम से हर राज्य से मिट्टी लाई जाएगी। वहीं विशाल प्रतिमा के साथ ही शहीद स्मारक और शहीद संस्थान की स्थापना भी की जाएगी, जहां आने वाले लोगों को देश के स्वतंत्रता संग्राम से लेकर देश के लिए प्राण न्यौछावर करने वाले शहीदों के बारे में विशेषज्ञों द्वारा जानकारी दी जाएगी। यह संस्थान देश की भावी पीढ़ी को राष्ट्रभक्ति का पाठ भी पढ़ाएगा।

“स्वाभिमान देश का” राष्ट्र के शहीदों और वीर जवानों को समर्पित

देश में यूं तो कई समाजिक संगठन विभिन्न क्षेत्रो में काम कर रहे है, लेकिन राजधानी दिल्ली में स्वतंत्रता संग्राम के गुमनाम वीर सपूतो और सीमा पर शहीद होने वाले वीरो को सम्मान दिलाने के उद्देश्य से ‘स्वाभिमान देश का’ नामक गैर लाभकारी राष्ट्रीय संगठन की स्थापना की गई है। जिसका नेतृत्व सयोजक के रूप में श्री सुरेंद्र सिंह बिधूड़ी कर रहे है।

यह संगठन धर्म, जाति, वर्ग, भेष आदि से ऊपर उठकर केवल राष्ट्र के शहीदों और वीर जवानों को समर्पित है। यह संगठन देश के उन वीर शहीदों के लिए राष्ट्रीय स्तर पर अलख जगाने का काम कर रहा है, जिन्होंने देश के शहीदों के प्रति लोगो को जागरूक करना ही अपने जीवन का लक्ष्य बना लिया है। उन्होंने इसी लक्ष्य को सामने रख कर स्वाभिमान देश का संगठन की स्थापना की।

माँगे –
  1.  राष्ट्र पुत्र से हो सम्मान, मांग रहा है हिंदुस्तान। शहीद-ए-आज़म भगत सिंह को राष्ट्र पुत्र की उपाधि और राष्ट्र के सभी शहीदों को सर्वोच्च सम्मान दिया जाये।
  2. राष्ट्र रक्षा के लिए शहीद होने वाले सैनिको, अर्धसैनिकों और पुलिसकर्मियों को समान रूप से सम्मान मिलना चाहिए। उनके परिजनों को समान रूप से सारी सुविधा दी जाये।
  3. शहीद परिवारों के लिए ‘शहीद स्वाभिमान कार्ड’ भी बनाया जाये जिस कार्ड के माध्यम से शहीद परिवारों को सभी सरकारी योजनाओ जैसे- शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार आदि का लाभ तुरंत मिल सकें।
  4. भारतीय सेना के वेतन को कर मुक्त किया जाएं।
  5. भारतीय सेना के शहीद परिवारों के लिए अलग से एक आयोग की स्थापना की जाये, जहाँ शहीद परिवारों की सभी समस्याओं का जल्द से जल्द निवारण किया जाये।
  6. सेवानिवृत्ति के बाद सैनिकों के लिए रोजगार के उचित अवसरों को भी बढ़ाया जाये।
  7. शहीदों की जयंती और पुण्य तिथि पर राष्ट्रीय स्तर के पारंपरिक खेलकूद, सांस्कृतिक एवं देशभक्ति पर आधारित कार्यक्रमों का आयोजन किया जाए।
  8. वीर शहीदों की जीवनी को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल किया जाये।

शहीद स्वाभिमान यात्रा दिल्ली से चलकर राजस्थान, गुजरात,महाराष्ट्र,मध्यप्रदेश, तमिलनाडु, केरल,कर्नाटक, आन्ध्र प्रदेश, तेलंगाना, छत्तीसगढ़, ओडिशा, झारखंड, कोलकाता, सिल्लीगुड़ी, गुवाहाटी, चेरापूँजी, शिलांग, गैंगटॉक, पूर्णिया, पटना, बलिया, इलाहाबाद, फतेहपुर, कानपुर होते हुए लखनऊ पहुँची।

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