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ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में मोदी सरकार पर जमकर बरसे प्रशांत भूषण

देश के अहम मुद्दों और भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई लड़ने वाले सुप्रीम कोर्ट के वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने अब मोदी सरकार की खामियों को विदेशों में भी उजागर करने में जुट गए हैं। इस सिलसिले में उन्होंने ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट यूनियन डिबेट के दौरान मोदी सरकार को जमकर आड़े हाथ लिया। इसको लेकर सभागार तालियों से गूंज उठा।

प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार की नीतियों से लेकर राफेल डील तक मुद्दा उठाया। साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के रॉ विस्डम पर भी सवाल खड़े किए। अपने भाषण को भूषण ने अपने फेसबुक पेज पर भी शेयर किया है। अपने शेयर वीडियो में उन्होंने लिखा – ‘हमें मोदी सरकार में भरोसा नहीं होना चाहिए।’

अपने भाषण में प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार में भारतीय अर्थव्यवस्था की हालत और नोटबंदी पर भी अपने विचार जाहिर किए। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने अर्थव्यस्था को भारी आघात पहुंचाया है। फिर चाहे नोटबंदी हो और देश के सभी सरकारी संस्थान हों। भूषण ने कहा कि जिन संस्थाओं का काम तथ्यों को खोजना है, उनको खत्म किया जा रहा है। इसके लिए उन्होंने NSSO के आंकड़ों का भी जिक्र किया।

इसके साथ ही उन्होंने मोदी सरकार पर प्रोपोगेंडा से तथ्य छुपाने का आरोप लगाया है। उन्होंने राफेल मामले के खुलासे के बाद सीबीआई चीफ आलोक वर्मा को रातों-रात हटाने के प्रकरण का भी भरी सभा में उल्लेख किया। उन्होंने कहा कि आज विज्ञान और तर्क को दरकिनार किया जा रहा है।

प्रशांत भूषण ने अपने भाषण में मोदी की उन बातों का भी जिक्र किया, जिसमें उन्होंने कहा था कि भगवान गणेश का सिर प्लास्टिक सर्जरी का बेहतरीन उदाहरण है। इसके साथ ही वरिष्ठ वकील ने पीएम मोदी के उस इंटरव्यू का भी मजाक उड़ाया, जिसमें बादलों की वजह से रडार फाइटर प्लेन का नहीं पकड़ सकेंगे। उन्होंने कहा कि आज मोदी ने मीडिया को नफरत फैलाने का हथियार बना दिया है।

भूषण यहीं नहीं रुकते हैं, वह आगे कहते है कि आज कोई सवाल करता है तो उसे मॉब लिंचिंग का भी शिकार बनाया जा सकता है। मुस्लिमों को शिकार बनाया जा रहा है। अगर कोई सोशल मीडिया पर भी सवाल उठाता है तो ट्रोल करके उन्हें धमकियां दी जाती हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि सोशल मीडिया पर लिंचिंग करने वालों को कोई और नहीं, खुद मोदी ही कंट्रोल करते हैं।

लोकतंत्र और इसके संस्थानों पर हो रहे हमले का जिक्र करते हुए वरिष्ठ वकील ने कहा कि आज कोई सुप्रीम कोर्ट के जज भी इस बात को अपने प्रेस कांफ्रेंस में उठा चुके हैं कि लोकतंत्र खतरे में हैं। भूषण ने कहा कि जज यह भी कह चुके हैं कि कुछ मामलों को पसंदीदा बैंच के हवाले किया जा रहा है।

चुनाव आयोग पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि स्वतंत्रता के बाद आज हालात कुछ ज्यादा ही खराब हो गए है। चुनाव आयोग की निष्पक्षता खत्म हो गई है। चुनाव आयोग ने इस चुनाव में नरेंद्र मोदी की भयंकर चुनाव आचार संहिता के उल्लंघन को भी नजरअंदाज किया। राफेल पर कैग रिपोर्ट पर भी प्रशांत भूषण ने मोदी सरकार को आड़े हाथ लिया।

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