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चालू वित्त साल में हिंदुस्तान की विकास दर इतने फीसद रहने का अनुमान…

दुनिया बैंक को भले ही भारतीय अर्थव्यवस्था की तेज विकास दर का भरोसा हो, लेकिन आरबीआई (आरबीआइ) ने चालू वित्त साल में यह अनुमान घटा दिया है. आरबीआइ का अनुमान है कि चालू वित्त साल (2019-20) में विकास दर सात फीसद रहेगी. इससे पूर्व आरबीआइ ने विकास दर 7.2 फीसद रहने का अनुमान जताया था.

रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांत दास की अध्यक्षता वाली मौद्रिक नीति समिति ने बोला कि वित्त साल 2018-19 की चौथी तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि घरेलू निवेश गतिविधियां सुस्त पड़ गई हैं  निर्यात की वृद्धि धीमी पड़ने से मांग भी निर्बल पड़ी है. ट्रेड वार के चलते वैश्विक मांग निर्बल पड़ने से आने वाले समय में हिंदुस्तान के निर्यात  निवेश पर प्रभाव पड़ सकता है. इसके अतिरिक्त ग्रामीण क्षेत्रों में व्यक्तिगत निवेश निर्बल पड़ा है. हालांकि, सकारात्मक पहलू यह है कि राजनीतिक स्थिरता, शेयर मार्केट में उछाल व्यवसायिक क्षेत्र के लिए नकदी का बढ़ता प्रवाह निवेश गतिविधियों के अनुकूल है.

ताजा अनुमान के मुताबिक चालू वित्त साल की पहली छमाही में विकास दर 6.4-6.7 फीसद तथा दूसरी छमाही में 7.2-7.5 फीसद रहने की उम्मीद है. रिजर्व बैंक ने अप्रैल में बोला था कि चालू वित्त में विकास दर 7.2 फीसद रहने का अनुमान है. उस वक्त आरबीआइ ने चालू वित्त साल की पहली छमाही में विकास दर 6.8-7.1 फीसदी  दूसरी छमाही में 7.3-7.4 फीसद रहने का अनुमान जताया था. उल्लेखनीय है कि इसी सप्ताह दुनिया बैंक ने बोला था कि चालू वित्त साल में हिंदुस्तान की विकास दर 7.5 फीसद रहने का अनुमान है. दुनियाबैंक का इससे पहले का अनुमान भी इतना ही था

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