Breaking News

शरीर की हर तरह की बीमारियो से निज़ात दिलाता हैं ये आसन…

योग मुख्य रूप से हमारे शरीर की तंत्रिकाओं यानी नर्वस पर कार्य करता है यही वजह है कि योग से शरीर की हर तरह की बीमारियां दूर हो जाती हैं. नर्व्स शरीर के हर हिस्से को जोड़ती है इसलिए शरीर के ठीक संचालन के लिए महत्वपूर्ण है कि नर्व्स ठीक तरह से कार्य करें. योग में भी इसके लिए शलभासन है, जो नर्वस सिस्टम पर कार्य करता है  उन्हें सक्रिय बनाता है, जिससे शरीर बेहतर ढंग से कार्य करता है. संस्कृत में शलभ का मतलब होता है टिड्डा. इस आसन में शरीर को टिड्डे के आकार में ही मोड़ना होता है जिससे रक्त संचार भी बेहतर होता है. योग प्रशिक्षक जिज्ञासा कापरी  दीपिका सैनी इस आसन के बारे में बता रही हैं ऐसे करें आसन
– पहले जमीन पर पेट के बल लेट जाएं. हाथ शरीर से चिपका कर रखें  पंजों को जमीन से चिपका दें. मुंह सामने की ओर रखें
– अब पैरों को ऊपर की ओर उठाएं. हाथों के पंजों को जमीन पर ही रहने दें जिससे कमर को बल मिलता रहे.
– कमर जमीन पर ही रहे  पैरों को जितना हवा में उठा सकते हैं, उतना उठाएं.
आयंगर पद्धति
प्रकार एक

एक मोटा तकिया लें  उस पर पेट के बल लेट जाएं. हाथों को तकिए के साथ साइड में रख लें  गर्दन को उठाए रखें. साथ ही पीछे पैरों को भी हवा में उठाएं.

प्रकार दो

एक स्टूल लें  उस पर तकिया रखकर पैरों के बगल में रखें. पेट के बल लेटने के बाद अब पैरों के पंजों को उस तकिये पर खें. हाथ को मोड़कर पंजों को गर्दन के नीचे रख लें.

प्रकार तीन

दीवार में एक रस्सी या ऊपर रॉड लगा लें. यह इतनी ऊंचाई पर हो कि खड़े होने पर आपकी कमर से ऊपर तक रहे. इसके बाद एक तकिया लें  छाती के नीचे रख लें  पैर को दीवार में लगी रस्सी या रॉड में फंसा लें. हाथों को मोड़कर उस तकिए को पकड़ लें.
इस आसन के फायदे
– यह आसन पाचन क्रिया को बढ़ाता है  वायु विकार को दूर करता है.
– पेट से संबंधित रोगों से भी इसमें निजात मिलती है.
– नर्व सिस्टम को यह सक्रिय करता है. इससे नर्व बेहतर ढंग से कार्य करती है.
– यह आसन स्पाइन को पीछे की ओर खींचता है, जिससे यह लचीली बनती है.
– कमर दर्द से भी इसमें निजात मिलती है  कब्ज भी दूर होता है.

About News Room lko

Check Also

आखिर क्यों मनाया जाता है विश्व धरोहर दिवस? जानें कैसे होता है स्मारकों का चयन

हर साल 18 अप्रैल के दिन विश्व धरोहर दिवस मनाया जाता है। इस खास दिन ...