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आकाश विजयवर्गीय को मिली ज़मानत,कहा दोबारा इस काम को करने का मौका ही न मिले…

इंदौर नगर निगम के ऑफिसर को क्रिकेट बल्ले से पीटने के बहुचर्चित मुद्दे  एक अन्य प्रकरण में लोकल भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय को रविवार प्रातः काल जिला कारागार से रिहा किया गया. भोपाल की एक विशेष न्यायालय ने शनिवार शाम दोनों मामलों में उनकी जमानत अर्जी मंजूर की थी.

जेल से रिहा होने के बाद भाजपा विधायक आकाश विजयवर्गीय ने बोला कि ऐसी स्थिति में जब एक महिला को पुलिस के सामने घसीटा जा रहा था. मैं कुछ  करने के बारे में नहीं सोच सकता था, जो किया उस पर शर्मिंदा नहीं हूं. लेकिन मैं भगवान से प्रार्थना करता हूं कि वो दोबारा बल्लेबाजी करने का मौका ना दें. उन्होंने बोला कि जेल में उनका अच्छा समय बीता.उन्होंने बोला कि वह अपने क्षेत्र  जनहित के विकास काम करते रहेंगे. कारागार से रिहा होने के बाद आकाश विजयवर्गीय भाजपा ऑफिस गए  उसके बाद वह अपने घर जाएंगे.

जिला कारागार अधीक्षक अदिति चतुर्वेदी ने बताया, “हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश शनिवार रात 11 बजे के इर्द-गिर्द मिला. तय औपचारिकताएं पूरी कर उन्हें रविवार प्रातः काल कारागार से छोड़ दिया गया.” चतुर्वेदी ने बताया, “शनिवार को लॉक-अप के शाम सात बजे के नियत समय तक हमें विजयवर्गीय को जमानत पर रिहा करने का अदालती आदेश नहीं मिला था. लिहाजा कारागार मैन्युअल के मुताबिक हम उन्हें शनिवार रात रिहा नहीं कर सकते थे.” उन्होंने बताया कि विजयवर्गीय जिला कारागार में न्यायिक हिरासत के तहत बुधवार देर शाम से बंद थे.

जेल शब्दावली के मुताबिक नियमित गिनती के बाद कैदियों को जेल के भीतरी परिसर से दोबारा कोठरी में भेजकर बंद किये जाने को “लॉक-अप” करना बोला जाता है.  आकाश (34) बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के बेटे हैं. शहर के गंजी कम्पाउंड क्षेत्र में एक जर्जर भवन ढहाने की मुहिम के विरोध के दौरान बुधवार को बड़े टकराव के बाद बीजेपीविधायक ने नगर निगम के एक ऑफिसर को क्रिकेट के बल्ले से पीट दिया था.

कैमरे में कैद पिटाई काण्ड में गिरफ्तारी के बाद विजयवर्गीय को बुधवार को एक लोकल न्यायालय के सामने पेश किया गया था. न्यायालय ने दोनों पक्षों की दलील सुनने के बाद बीजेपी विधायक की जमानत याचिका खारिज कर दी थी. इसके साथ ही, उन्हें 11 जुलाई तक न्यायिक हिरासत के तहत जिला कारागार भेज दिया गया था.

न्यायिक हिरासत के तहत कारागार में बंद रहने के दौरान बीजेपी विधायक को मध्यप्रदेश के सीएम कमलनाथ का पुतला जलाने के पुराने मुद्दे में बृहस्पतिवार को औपचारिक रूप से हिरासत में लिया गया था. पुलिस अधिकारियों ने बताया कि अघोषित बिजली कटौती को लेकर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने विजयवर्गीय की प्रतिनिधित्व में चार जून को शहर के राजबाड़ा चौराहे पर प्रदर्शन के दौरान यह पुतला जलाया था, लेकिन इस प्रदर्शन के लिये प्रशासन से कोई अनुमति नहीं ली गयी थी.

उन्होंने बताया कि इस पर विजयवर्गीय  बीजेपी के अन्य प्रदर्शनकारियों के विरूद्ध भारतीय सजा विधान की धारा 188 (किसी सरकारी ऑफिसर के आदेश की अवज्ञा) के तहत प्राथमिकी दर्ज की गयी थी.

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