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संकल्प सभा में याद किये गये कर्मयोगी पंडित कमला शंकर

उन्नाव/रायबरेली। जनपद में एक संकल्प सभा का आयोजन मालवीय कहे जाने वाले कर्मयोगी पंडित कमला शंकर अवस्थी की स्मृति में निराला शिक्षा निधि व भारती परिषद द्वारा रविवार को शहर के उत्सव लॉन में किया गया । इसमें अनेक वक्ताओं ने उनकी जीवन सादगी व कर्म सूत्र पर विस्तार से चर्चा की।

संकल्प सभा में साहित्यकारों की

संकल्प सभा में मुख्य अतिथि उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष व पूर्व राज्यसभा सांसद जन प्रिय कवि उदय प्रताप सिंह ने कहा उन्नाव की धरती साहित्यकारों की रत्नगर्भा है और साहित्यकारों की स्मृति को जन जन तक पहुंचाने का श्रेय पंडित कमला शंकर अवस्थी को जाता है। हिंदी के प्रति उनकी सेवाओं की चर्चा करते हुए कहा कि जिस निष्ठा व संकल्प के साथ वह हिंदी को सरकारी  सम्मान दिलाने के लिए तत्पर रहें उन का अप्रितम योगदान स्मरणीय है। उनके व्यक्तित्व और कृतित्व को नापा नहीं जा सकता वह अद्भुत कर्म योद्धा थे। आम आदमी से ऊपर उठकर जो पहचान बनाई वह विरले लोग ही बना पाते हैं।

चरित्र का संकट

आज देश के आगे चरित्र का संकट है और चरित्र का जीवन भर पालन उन्होंने किया। साहित्य समाज और शिक्षा में गरीबों के वह हमेशा हमदर्द रहे ।प्रख्यात कवित्री सरिता शर्मा ने कहा कि वह उनके पिता के तुल्य थे और जीवन को कैसे सार्थक बनाया जाता है इसकी अनुभूति उन्होंने उनसे की है। हिंदी के वरद पुत्र को देव तुल्य स्वरूप देने और हिंदी की सेवा के प्रति उनका समर्पण जीवनपर्यंत याद रहेगा ।आज उनके संकल्प और कार्यों के लिए खींची गई रेखा को आगे बढ़ाने का संकल्प मौजूद सभी मानस पुत्रों को लेना होगा।

जनपद के शिखर पुरूष

पूर्व सांसद अन्नू टंडन ने कहा कि वह जनपद के शिखर पुरूष थे जिन्होंने कई क्षेत्रों में अपनी अलग पहचान बनाई और समाज को अनोखी प्रेरणा दी। प्रदेश पुलिस सेवा के अधिकारी राजीव दीक्षित ने कहा कि वह एक गढ़े हुए व्यक्तित्व थे जो जीवन पर्यंत प्रासंगिक रहेंगे। उनके कार्य व विचारधारा समाज के लिए सदा उपयोगी रहेंगी। पूर्व विधायक कृपाशंकर सिंह एडवोकेट ने कहा कि उनके जैसा संघर्षशील व्यक्तित्व जनपद में न हुआ है और न आगे होने वाला है न्याय से लेकर शिक्षा के क्षेत्र के साथ ही सहकारिता और राजनीति में अद्भुत संघर्ष करने की शक्ति थी ।कार्यक्रम का संचालन शैलजा शरण शुक्ल व डॉक्टर राम नरेश ने संयुक्त रूप से किया। आगंतुकों के प्रति आभार बोध शंकर दीक्षित ने व्यक्त किया।

ये लोग रहे उपस्थित

वरिष्ठ साहित्यकार डॉ महेश चंदमिश्र विधु ने उनकी स्मृति में स्मृति ग्रंथ व मुन्ना सिंह अवधूत ने प्रतिमा स्थापना के संकल्प की बात कही। अन्य प्रमुख लोगों में बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश शुक्ल, पूर्व अध्यक्ष गिरीश मिश्रा, विनय मोहन, आनंद अवस्थी ,अशोक बेबी ,नरेंद्र भदौरिया, गौसिया ख़ान, नासिर अहमद, दिनेश प्रिय मन ,वागीश मिश्रा, प्रीति सिंह, वीर प्रताप सिंह, गंगा प्रसाद यादव ,कृष्णपाल सिंह ,कमल तिवारी, बृज किशोर वर्मा, मन्नालाल त्रिपाठी, विनय द्विवेदी, संतोष मिश्रा, हरगोविंद वर्मा, आनंद मोहन द्विवेदी, शिव शंकर यादव ,डॉक्टर कुसुम लता, पूर्णिमा अवस्थी ,डॉक्टर सुरेंद्र सिंह है ।कार्यक्रम का आयोजन उनके पुत्र नीरज अवस्थी व गौरव अवस्थी द्वारा किया गया। रायबरेली जनपद से श्री विनोद कुमार शुक्ल, श्री सुधीर कुमार द्विवेदी, डॉक्टर सुशील कुमार मिश्रा, के के मिश्रा, दुर्गेश सिंह, नीलेश मिश्रा, अमित सिंह, के के सिंह, आदि मौजूद रहे।

 

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