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बिल्डरों को झटका,कंस्ट्रक्शन के हिसाब से मिलेगा पैसा…

बिल्डर अब घर बेचने के लिए खरीदारों को किसी भी तरह की आकर्षण वाली स्कीम को नहीं दे पाएंगे. बिल्डरों को केवल कंस्ट्रक्शन के हिसाब से मिलेगा. पहले से चल रही 10:90 या फिर 5:95 स्कीम पर पूरी तरह से रोक लग जाएगी. ऐसे में होने कि सम्भावना है कि बुकिंग करते वक्त खरीदारों को ज्यादा पैसा जमा करना पड़े. नेशनल हाउसिंग बैंक (एनएचबी) ने अब ऐसा करने के लिए बिल्डरों को दिशा-निर्देश दे दिए हैं.

खत्म होगी 10:90 जैसी योजनाएं

फिलहाल बिल्डर प्रॉपर्टी को बेचने के लिए कई स्कीम लेकर के आते हैं. इनमें खरीदारों को फ्लैट के असली मूल्य का पांच या 10 प्रतिशत पैसा आरंभ में जमा करना होता है. इसके बाद बाकी बचा पैसे को वो कर्ज़ के लिए भुगतान कर सकते हैं. हालांकि कई मामलों में कर्ज़ अप्रूव होने के बाद भी ग्राहकों को तय समय पर घर नहीं मिलता है.

कम होगी धोखाधड़ी

एनएचबी ने बोला है कि ऐसा करने से घर खरीदारों के साथ होने वाली धोखाधड़ी कम हो जाएगी. अभी फ्लैट की 80 प्रतिशत राशि पर खरीदारों को पैसा मिल जाता है. बिल्डर फिर बैंक से पूरा पैसा ले लेते हैं. 20 से 30 वर्ष में किश्त के माध्यम से हाउसिंग फाइनेंस कंपनियां फिर खरीदार से पैसा वापस लेती हैं. हालांकि बहुत से बिल्डर पैसा लेने के बाद भी प्रोजेक्ट को पूरा नहीं करते हैं.

नए प्रोजेक्ट के लिए पैसा मिलने में होगी देरी

बिल्डरों को अपने नए प्रोजेक्ट के लिए पैसा जुटाना बहुत ज्यादा कठिन भरा कार्य हो जाएगा. इससे पहले से बेहाल रियल एस्टेट सेक्टर को  झटका लगने की उम्मीद है.

कंस्ट्रक्शन के हिसाब से मिलेगा पैसा

बिल्डरों को अब बैंक या फिर किसी भी वित्तीय कंपनी से पूरा पैसा एक साथ नहीं मिलेगा. नए दिशा-निर्देशों के मुताबिक अब बिल्डर कंस्ट्रक्शन के हिसाब से पैसा ले सकेंगे. एकमुश्त रकम मिलने की सुविधा पर पूरी तरह से रोक लगेगी. अगर निर्माण काम बिल्डर द्वारा रोक दिया जाता है, तो फिर हाउसिंग फाइनेंस कंपनी बिल्डर को पैसा देना बंद कर सकती हैं.

ऐसे में बिल्डर के ऊपर यह दबाव रहेगा कि वो तय समय पर अपने प्रोजेक्ट को पूरा करें. हालांकि पहले से ही आर्थिक तंगी की मार झेल रहे रियल एस्टेट सेक्टर को यह ठीक अर्थ में एक बड़े झटके की तरह है. इससे कई कंपनियां बंद हो सकती हैं.

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