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राज्‍यसभा में तीन तलाक बिल पास होने की गुंजाइश बढ़ी, सरकार को मिला बीजेडी का साथ

लोकसभा में पास होने के बाद तीन तलाक बिल मंगलवार को राज्‍यसभा में दोपहर 12 बजे पेश किया जाएगा। सरकार ने इसे सदन की कार्यसूची में शामिल किया है। भाजपा ने अपने सभी सदस्यों की सदन में उपस्थिति सुनिश्चित करने के लिए सोमवार शाम व्हिप जारी की। बीते हफ्ते ही यह बिल लोकसभा से पास हुआ था। राज्यसभा में आज पेश होने वाले तीन तलाक बिल पर बीजेडी सरकार का साथ देगी। इस फैसले के बाद सरकार को उम्मीद है कि इससे विधेयक को संसद के ऊपरी सदन में भी पास करवाने में उसे सफलता मिलेगी।

बता दें कि एनडीए की सहयोगी जेडीयू इस बिल का विरोध कर रही है। उधर, कांग्रेस और टीएमसी ने सरकार के घेरने के लिए अपने सांसदों को विप जारी कर दिया है। बीजेपी सोमवार को ही अपने सभी सांसदों को विप जारी कर चुकी है। बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी के पहले कार्यकाल में भी लोकसभा में मुस्लिम महिला (विवाह अधिकार संरक्षण) विधेयक को निचले सदन से मंजूरी दिला दी गई थी, लेकिन राज्यसभा में यह पास नहीं हो पाया था।

बताते चलें कि सरकार एकसाथ तीन तलाक देनेवाले मुस्लिम पुरुषों के लिए जेल की सजा का प्रावधान करने वाले इस बिल को लोकसभा में पास करवा चुकी है। आज यह बिल राज्यसभा में पेश किया जाना है जिसपर जोरदार बहस और फिर वोटिंग होने की उम्मीद है। सत्ता पक्ष और विपक्ष इस बिल पर वोटिंग के जरिए राज्यसभा में खुद को ज्यादा ताकतवर साबित करने को कोशिश में जी-जान से जुटा है। यही वजह है कि बीजेपी, कांग्रेस के साथ-साथ तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) ने भी अपने-अपने सदस्यों को वोटिंग के दौरान सदन में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहने के लिए विप जारी कर दिया है। राज्यसभा बीजेडी में पार्टी लीडर प्रसन्न आचार्य ने न्यूज एजेंसी एएनआई से कहा, ‘बीजेडी राज्यसभा में ट्रिपल तलाक बिल का समर्थन करेगी।’

तीन तलाक बिल पर राज्यसभा में समर्थन करने के बीजेडी के ऐलान के बाद सरकार को कुछ अन्य गैर-एनडीए, गैर-यूपीए दलों का प्रत्यक्ष अथवा परोक्ष समर्थन मिलने की उम्मीद है। सदन में बीजेपी के फ्लोर मैनेजर्स की आस कुछ सांसदों की गैर-हाजिरी जबकि कुछ के वॉकआउट करने पर टिकी है। वे एआईएडीएमके और टीआरएस जैसे दलों के राज्यसभा सांसदों के वॉकआउट करने या गैर-हाजिर रहने जैसी सभी संभावित परिस्थितियों का विश्लेषण कर रहे हैं। सरकार को ऐसे हालात बनने की उम्मीद इसलिए भी है क्योंकि इन पार्टियों ने लोकसभा में विधेयक का विरोध नहीं किया था।

बीजेडी के ऐलान से सरकार ने थोड़ी राहत की सांस तो जरूर ली होगी, लेकिन सहयोगी दल जेडीयू का बिल के विरोध का ऐलान उसके लिए परेशानी का सबब बना हुआ है। साथ ही, जिन गैर-एनडीए, गैर-यूपीए दलों ने आरटीआई संशोधन बिल पर सरकार का साथ दिया था, उनमें वाईएसआरसीपी स्पष्ट कर चुकी है कि उसके दो राज्यसभा सांसद विधेयक के खिलाफ वोट करेंगे।

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