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Solar Pump : हजारो लगाने बाकी, सैकड़ो हुए बंद

 छत्तीसगढ़ के गांवों में Solar Pump स्थापित किए जाने की योजना है। अभी तक पूरे प्रदेश में सिर्फ 6 हजार 476 गांवों में स्थापित करने के प्रस्ताव को मंजूरी मिली थी।

3000 Solar Pump लगाने के कार्य अधूरा

6 हजार 476 गांवों में से 3हजार 476 गांवों में सौर ऊर्जा से संचालित पंप लगा दिए गए हैं। बाकी 3हजार पंप लगाने के कार्य अधूरे हैं। इसमें रायपुर के 82 कार्य और रायपुर मंडल में 465 सोलर पंप नहीं लग पाए हैं। इसके अलावा रायपुर मंडल के जिला बालौदाबाजार में 210, धमतरी में 118, गरियाबंद में 25, महासमुंद में 30 गांवों में पंप नहीं लगे हैं। दुर्ग मंडल के जिला दुर्ग में 77, बालोद में 30, बेमेतरा में 26, राजनांदगांव में 446 व कवर्धा में पांच पंप लगाए जाने हैं। जगदलपुर मंडल के बस्तर में 215, दंतेवाड़ा में 63, सुकमा 26, बीजापुर में चार सहित कोण्डागांव में 561, बिलासपुर में 255, अंबिकापुर मंडल में 1138 सौर ऊर्जा पंप नहीं लग पाए हैं।

अधिकारियों की माने तो उनका कहना है की सरकार के सामने प्रस्ताव पेश किये गए हैं, उम्मीद है की जल्द ही कार्य शुरू किए जाएंगे।

दम तोड़ चुके पूर्व में स्थापित पंप

पूर्व में स्थापित किए सौर ऊर्जा से संचालित पंप रख रखाव के आभाव में भी दम तोड़ चुके हैं। आज हालात यह हैं कि एक तरफ पंप लगाए जा रहे हैं तो दूसरी ओर उसी गति से पंप बंद होते जा रहे हैं। इसमें ऐसे गांव शामिल हैं जहां पानी की अधिक किल्लत है। वहां प्रत्येक घर को पानी दिलाने के लिए उद्देश्य से सौर ऊर्जा पंप लगाने की योजना चल रही है। लेकिन पंप लगाने के बाद विभागीय संरक्षण नहीं मिल पाने से ये कुछ दिन बाद बंद होती जा रही हैं। जबकि इसके रख रखाओ और सही संचालन की जिम्मेदारी 2विभागो, “लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग” और “क्रेडा” को दी गई है।

सौर ऊर्जा से पेयजल के लिए पंप स्थापित किए गए थे। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी क्रेडा को दी गई है। हमारे द्वारा अधूरे कार्य पूरे किए जाएंगे। – बापट, पीएचई, कार्यपालन अभियंता

गांवों में संचालन कराने में असफल

गांवों में सौर ऊर्जा से संचालित पंप स्थापित करने के बाद व्यवस्था होने के बाद जिम्मेदार अधिकारी निरीक्षण करने तक नहीं जाते हैं। इसके चलते कुछ वक़्त में ही सोलर पैनलों में खराबी नजर आने लगती है। इसके रखरखाव की जिम्मेदारी पीएचई और क्रेडा विभाग की होती है। कई बार ग्रामीण लिखित शिकायत भी करते हैं। इसके बावजूद मरम्मत कार्य नहीं किए जाते हैं।

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