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प्रेस क्लब आॅफ इण्डिया में ‘अटल स्मृति’ का आयोजन

रायसीना मार्ग स्थित प्रेस क्लब आॅफ इण्डिया में भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की श्रद्धांजलि सभा ‘ अटल स्मृति ‘ का आयोजन किया गया। यह आयोजन राष्ट्रीय शोक के अन्तर्गत किया गया। इसका आयोजन वैभव वेलफेयर सोसाइटी और उसके सहयोगी ‘अटल सम्मान समारोह: द ट्रस्ट आॅफ इण्डिया’ के तत्वाधान में अटल सम्मान समारोह आयोजन समिति द्वारा किया गया। यह संस्थान हर वर्ष संसद भवन में पिछले चार वर्षों से राष्ट्र स्तरीय ‘अटल सम्मान समारोह’ का आयोजन करता है। इसका संयोजन संस्था अध्यक्ष राष्ट्रीय कवि भुवनेश सिंघल ने किया।

अटल स्मृति : ‘अटल काव्यांजलि’ द्वारा..

श्रद्धांजलि सभा में अटल जी को बड़ी संख्या में पुष्पों द्वारा श्रृद्धाजंलि व हृदयांजलि दी गई। साथ ही उपस्थित लोगों ने भारी संख्या में अटल जी के साथ पुराने संस्मरणों को साझा किया व कवियों ने उन पर लिखी रचनाओं का पाठ ‘अटल कवि सम्मेलन’ के रूप में ‘अटल काव्यांजलि’ देकर किया।

इस अवसर पर अटल जी की आत्मा की शांति के लिए दो मिनट का मौन भी रखा गया तथा भुवनेश सिंघल ने सरकार से तीन मांगे रखते हुए उन मांगों के पूर्ण होने को ही सरकार द्वारा अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि देना बताया। उनकी इन मांगों के समर्थन में करीब 100 से अधिक बुद्धिजीवियों व पत्रकारों ने हस्ताक्षर कर अपना समर्थन दिया। वहीं भुवनेश सिंघल ने अटल जी के जीवन के अनछुए पहलुओं पर आधारित एक महत्वपूर्ण पुस्तक ‘स्मृतियां अटल हैं’ उनके संपादन में तैयार किए जाने की भी जानकारी दी।

अटल जी के पुराने साथी व उनकी सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे राज्यसभा सांसद सत्य नारायण जटिया, भाजपा केशवपुरम के जिलाध्यक्ष व संस्था के चेयरमैन रोशन कंसल, भजन गायक कुमार विशु, फिल्मी कलाकार उत्तर कुमार, समाजसेवी नवीन तायल व अटल जी के बचपन के पड़ौसी वरिष्ठ साहित्यकार पंडित सुरेश नीरव आदि ने अपने संस्मरण व विचार साझा किए।

अटल जी के साथ करीब आधा घंटा

भुवनेश सिंघल ने अटल जी की कविताओं ‘मौत से ठन गई’ व ‘ पन्द्रह अगस्त का दिन कहता आजादी अभी अधूरी है’ आदि का पाठ किया व उनके साथ बिताए समय का जिक्र करते होते हुए कहा कि उनका पहला परिचय 1996 में भाजपा के राष्ट्रीय कार्यालय में एक सभा के दौरान हुआ था और अंतिम भेंट 16 अक्टूर 2017 को करीब दस माह पहले हुई थी। इस अंतिम भेंट में सिंघल ने उन्हें अंग वस्त्र पहनाकर व उनपर हर वर्ष संसद में किए जाने वाले ‘अटल सम्मान समारोह’ आयोजन का एक प्रतीक चिन्ह भेंट कर उनका सम्मान किया था और उनके साथ करीब आधा घंटा बिताया था, जिसमें उन्होनें अटल जी के चरणों में बैठकर उनके सिर व माथे को खूब सहलाकर प्यार हासिल किया था।

उन्होने यह भी बताया कि वैभव वेलफेयर सोसाइटी व उसके सहयोगी ‘अटल सम्मान समारोह: द ट्रस्ट आॅफ इण्डिया’ की ओर से भारतीय राजनीति के शिखर पुरूष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री अटल जी के जन्म दिवस के उपलक्ष्य में राष्ट्र स्तरीय ‘अटल सम्मान समारोह’  का आयोजन हर वर्ष संसद भवन में किया जाता है।

गंगा तट पर अटल जी की अस्थियों का मुख्य रूप से विसर्जन

वहीं सिंघल ने इस अवसर पर सभा के दौरान उपस्थित बुद्धिजीवीयों के समक्ष मांग पत्र पेश करते हुए महामहिम राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, उपराज्यपाल अनिल बैजल व सांसद मनोज तिवारी से तीन मांगे की कि युगपुरूष भारत रत्न पूर्व प्रधानमंत्री स्व. श्री अटल बिहारी वाजपेयी जी को सच्ची श्रद्धांजलि यही होगी कि उनके जन्म दिवस 25 दिसम्बर को ‘अटल जयंती’ के रूप में राष्ट्रीय अवकाश घोषित किया जाए तथा उनके द्वारा हर साल दिए जाने वाले ‘अटल सम्मान समारोह’ की तर्ज पर सरकारी संस्थानों व अकादमियों आदि के द्वारा भी अटल जी के नाम पर कलाकारों, साहित्यकारों, समाजसेवियों व बुद्धिजीवियों को सम्मानित किया जाए और साथ ही हरिद्वार में गंगा तट पर श्रद्धेय अटल जी की अस्थियों का मुख्य रूप से विसर्जन किये जाने के चलते गंगा तट के किसी एक घाट का नाम ‘अटल घाट’ किया जाए।

बेहद मिलनसार थे अटल जी

अटज जी के मित्र और पुराने साथी उनकी सरकार में केन्द्रीय मंत्री रहे राज्यसभा सांसद सत्य नारायण जटिया ने अपने और अटल जी के विषय में अनेकों पुराने संस्मरण सुनाते हुए अनेक बार वो भावुक हो गए और उनकी आंखे सजल दिखाई देने लगीं। इस अवसर पर उन्होंने अटल जी की अनेक कविताओं का पाठ भी किया। इस अवसर पर गायक कुमार विशु ने अटल जी पर लिखे अपने गाने को सुनाया।

वहीं क्षेत्रिय फिल्मों के कलाकार उत्तर कुमार ने कहा कि भुवनेश सिंघल जी ने जो मांग रखी हैं वो निश्चित ही सार्थक मांगे हैं और उन्हें सरकार को मानकर अटल जी को सच्ची श्रद्धांजलि देनी चाहिए। वहीं भाजपा जिलाध्यक्ष व संस्था के चेयरमैन रोशन कंसल ने कहा कि जब वो पहली बार भाजपा के टिकट पर विधानसभा चुनाव लड़े थे तब उनकी भेंट अनेक बार अटल जी से हुई थी, अटल जी एक ऐसे व्यक्ति थे कि उनसे कोई भी व्यक्ति मिलता था तो ये लगता ही नहीं था कि हम इतने बड़े व्यक्ति से मिल रहे हैं।

यादों की धरोहर

अटल जी के करीबी परिवार की विदुषी रोचिका अग्रवाल ने अपने नाना जी और अटल जी के संस्मरणों को सुनाया तो सारा माहौल सजल हो गया और वो खुद रो पड़ीं। वहीं कवियित्री मधु चतुर्वेदी ने भी अपने संस्मरणों को सुनाया तो वो स्वयं को रोने से खुद को न रोक सकीं। केन्द्रीय मंत्री विजय गोयल की बहन अंजू अग्रवाल ने कहा कि उनके परिवार से अटल जी के बेहद नजदीकी सम्बन्ध रहे हैं। उनके पास
अटल जी की अनेक यादें है जो आज उनके परिवार के लिए अटल जी की धरोहर बन गइ हैं।

एम्स की ओर से पत्र लिखकर श्रद्धांजलि

वही अटल जी के पडौसी रहे वरिष्ठ साहित्यकार पं. सुरेश नीरव ने अटल जी के अनेक संस्मरणों को श्रोताओं के समक्ष साझा किया और बताया कि कविता के मंचों पर भी करीब 20 बार अटल जी और उन्होनें एक साथ कविताएं पढ़ी है। इस अवसर पर श्रषिकेश एम्स के डीन डाॅ ब्रजेन्द सिंह ने एम्स की ओर से पत्र लिखकर अपनी श्रद्धांजलि दी व बताया कि उन्होने एम्स श्रषिकेश में नवनिर्मित आॅडिटोरियम का नाम ‘अटल डिटोरियम’ रख दिया है।

इस अवसर पर 250 से अधिक बुद्धिजीवियों व पत्रकार समाज ने अटल जी को श्रद्धांजलि दी व अटल जी से जुड़े करीब पचास से अधिक लोगों के किसी ना किसी रूप में अटल जी को अपनी शब्दांजलि व हृदयांजलि भेंट की। अनेक कवियों ने अटल जी पर लिखी कविताओं का भी पाठ किया। मुख्य रूप से पूर्व भाजपा विधानसभा प्रत्याशी गोपाल झा, समाजसेवी नवीन तायल, डी.पी गोयल, वैभव सिंघल, सुनहरी लाल, मनीष मधुकर, सत्येन्द्र सत्यार्थी, मधु चतुर्वेदी, अमर झा, राजेन्द्र शर्मा, डाॅ. यू. के.चैधरी, कपिल देव मिश्रा आदि ने श्रद्धांजलि दी। अंत में सभी ने खड़े होकर 2 मिनट का मौन रखा और अटल जी की आत्मा की शांति के लिए प्रभु से कामना की।

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