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सेकंड-हैंड कारों के कारोबर में मारुति सुजुकी की इस कंपनी ने मारी बाजी

कई कारणों के चलते प्रयोग की जा चुकी सेकंड-हैंड कारों का कारोबर तेजी से बढ़ रहा है, खासतौर पर दूसरे, तीसरे  चौथे स्तर के शहरों में इस कारोबार का ग्राफ लगातार बढ़ता चला जा रहा है. पिछले कुछ वर्षों के दौरान मारुति सुजुकी के प्री-ओन्ड कार्स वर्टिकल, True-Value ने भी तेजी से वृद्धि हासिल की है. मार्केट में पहले बड़े संगठित खिलाड़ी होने के नाते, इसका नेटवर्क लगभग सारे देश भर में फैल गया है  यह प्री-ओन्ड (पहले से प्रयोग की जा चुकी सेकंड हैंड) कारों के खरीददारों की बढ़ती जरूरतों को पूरा कर रहा है. SIAM द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार 2018 में 4 मिलियन प्रयोग की जा चुकी कारें बेची गई. यह आंकड़ा नयी कारों की तुलना में 1.3 गुना अधिक है, बताते चलें कि 2018 में 3.4 मिलियन नयी कारें बेचीं गई हैं.

इस्तेमाल की जा चुकी कारों की बिक्री की बात करें तो मारुति ने इस क्षेत्र में 20 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की है, जबकि उद्योग जगत के लिए यह बढ़ोतरी 15-16 प्रतिशत है. वित्तीय साल 17-18 में True-Value ने 18 प्रतिशत की दर से विकास किया. 2019 के पहले दो महीनों में मारुति के लिए प्रयोग की जा चुकी कारों की बिक्री लगभग 13 प्रतिशत बढ़ गई है.छोटे शहरों में भी प्रयोग की चुकी कारों का बाजा तेजी से फल-फूल रहा है. छोटे शहरों (तीसरे  चौथे स्तर) में इस क्षेत्र में लगभग 23-24 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.

पहली बार कार खरीदने वाले लोग अब सिर्फ छोटी कारें ही नहीं बल्कि छोटी सेडान कारें भी खरीद रहे हैं. वास्तव में प्रयोग की जा चुकी कारों की बात करें तो छोटी हैच  छोटी सेडान कारें इसका 75 प्रतिशत भाग बनाती हैं. कई राष्ट्रों में प्रयोग की चुकी कारों  नयी कारों के मार्केट का अनुपात बढ़ने का अनुमान है, यहां तक कि विकसित राष्ट्रों में भी इसके 2.0 तक पहुंचने की उम्मीद है. एक अनुमान के मुताबिक यह अनुपात हिंदुस्तान में अगले 2-3 वर्षों में 1.2 से बढ़कर 1.7-1.8 के आंकड़े तक पहुंच सकता है.

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