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पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव पर मुकदमा

लखनऊ। अखिलेश यादव सरकार में कैबिनेट मंत्री रहे आजम खां के बाद अब उनके खास माने जाने वाले आइपीएस अधिकारी जमीन कब्जा करने के मामले में फंसे हैं। अखिलेश यादव सरकार में उत्तर प्रदेश के डीजीपी रहे जगमोहन यादव के खिलाफ जमीन कब्जा करने के मामले में केस दर्ज किया गया है।

धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा

उन पर जमीन कब्जाने और धोखाधड़ी की धाराओं में मुकदमा दर्ज किया गया है। पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम सिंह यादव के बेटे विजय सिंह की तरफ से यह एफआईआर दर्ज करवाई गई है। पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के साथ सहित 60 लोगों के खिलाफ लखनऊ के गोसाईंगज थाना में मुकदमा दर्ज किया गया है। इनके खिलाफ लखनऊ में शहीद पथ पर हरिहरपुर गांव के पास करीब तीन बीघा जमीन की कब्जेदारी का मामला दर्ज किया गया है।

करीब दो वर्ष से अधिक समय से इस जमीन को लेकर बवाल चल रहा है। इससे पहले आवास विकास परिषद ने भी पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव के खिलाफ इस जमीन पर अवैध कब्जा करने को लेकर केस दर्ज कराया था। जगमोहन यादव पर पहले भी जमीन कब्जाने का आरोप लग चुका है। 2017 में तत्कालीन एसएसपी मंजिल सैनी के आदेश पर भी उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। उस वक्त उनके ऊपर गोसाईंगंज के आवास विकास की जमीन कब्जाने का आरोप लगा था।

शहीद पथ से सटे मुजफ्फर नगर घुसवल में

मंगलवार को लखनऊ में शहीद पथ से सटे मुजफ्फर नगर घुसवल में साढ़े तीन बीघा जमीन को लेकर पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव और पूर्व केंद्रीय मंत्री बलराम सिंह यादव के बेटे विजय कुमार में विवाद हो गया था। इस जमीन पर कब्जा करने पहुंचे पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव का विजय यादव ने विरोध किया, जिसके बाद हंगामा शुरू हो गया। असलहों से लैस होकर दोनों पक्ष के लोग आमने सामने आ गए थे। पुलिस मौके पर किसी व्यक्ति की ओर से असलहा ले आने की बात से इंकार कर रही है। पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव ने बिन्नी इंफ्राटेक के नाम से जमीन खरीद रखी थी। वहीं पर पूर्व मंत्री गायत्री प्रजापति और पूर्व मंत्री बलराम यादव के बेटे विजय कुमार सिंह ने भी जमीन ली है। काफी समय से पूर्व मंत्रियों और पूर्व डीजीपी के बीच जमीन की पैमाइश को लेकर विवाद चल रहा था।

दो दिन पहले डीजीपी अपने कुछ लोगों के साथ गोसाईंगंज में जमीन पर कब्जा लेने पहुंचे थे। जिसके बाद यह विवाद बढ़ा। पूरा विवाद जमीन की बाउंड्री को लेकर है। विजय सिंह यादव का कहना है कि उस जमीन पर उसका कब्जा है। हालांकि मामले में डीजीपी की तरफ से भी कुछ कागजात पेश किए गए, लेकिन जांच में पता चला कि डीजीपी रहते जगमोहन ने अपने प्रभाव का इस्तेमाल करते हुए कागजात बनवा लिए थे।

तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई

मंगलवार को जगमोहन यादव जमीन पर कब्जा करने पहुंचे थे। इसी बीच विजय कुमार सिंह की तरफ से कुछ लोग वहां पहुंच गए और आपत्ति जताई। इसके बाद वहां तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई। बड़ी संख्या में पुलिस बल बुला ली गई। विजय सिंह की तरफ से अधिवक्ता केपी तिवारी ने बताया कि हरिहरपुर ग्राम सभा की करीब तीन बीघा जमीन ली गई थी, जिसकी पैमाइश का विवाद चल रहा है।

विजय की तरफ से आदर्श पांडेय के विरोध जताने पर भी पूर्व डीजीपी जगमोहन ने काम बंद नहीं कराया। इसके बाद एएसपी विधानसभा राजेश श्रीवास्तव, सीओ गोमतीनगर अवनीश्वर चंद्र श्रीवास्तव वहां पहुंचे। दोनों पक्षों में समझौता नहीं होने पर एसडीएम सरोजनीनगर चंदन पटेल को बुलाया गया, जिसके बाद वहां पूर्व डीजीपी जगमोहन यादव ने काम बंद करवा दिया। जगमोहन यादव के मुताबिक मुझे राजस्व विभाग ने जमीन की पैमाइश करके दिया है। मुझे बीते आठ वर्ष से परेशान किया जा रहा है। मैं अपनी जमीन पर कब्जा लेने आया था। वहीं एसडीएम ने बताया कि आठ अगस्त को पैमाइश की तिथि तय कर दोनों पक्षों को बुलाया गया है, जिसके बाद आगे की कार्रवाई की जाएगी।

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