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मोदी सरकार ने किसानों के लिए लॉन्च की यह योजना, प्रति हेक्टेयर पर मिलेंगे इतने रूपए

खेती करने वाले किसानों के लिए नरेन्द्र मोदी सरकार ने बजट में बड़ी घोषणा की थी. वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने घोषणा करते हुए बताया था कि अब से किसानों को ‘जीरो बजट’ खेती पर ध्यान देना होगा. इस खेती की खास बात यह है कि इसकी पैदावार करने में किसान का खर्च बहुत ज्यादा कम हो जाता है. देश की सरकार किसानों की आए को बढ़ाने के लिए समय-समय पर नयी योजनाएं लेकर आती रहती है. हाल ही में सरकार ने परम्परागत कृषि विकास योजना ( PKVY ) लॉन्च की थी, जिसमें किसानों के खेती के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये मिलेंगे. आइए आज हम आपको सरकार की इस योजना के बारे में विस्तार से बताते हैं-


किसानों को मिलेंगे 50 हजार रुपए

आपको बता दें कि 15 अगस्त को प्रधान मंत्री नरेन्द्र मोदी ने सम्बोधन देते हुए बोला कि हमारे देश के किसानों को कम से कम केमिकल्स  पेस्टिसाइड का प्रयोग करना चाहिए.इसके साथ ही उन्होंने बोला कि हमें प्राकृतिक उपकरणों को बढ़ावा देना चाहिए. सरकार की ओर से प्रारम्भ की गई परम्परागत कृषि विकास योजना का मुख्य उद्देश्य देश के किसानों को आर्थिक सहायता पहुंचाना है. पीकेवीवाई योजना में सरकार तीन वर्ष के लिए प्रति हेक्टेयर 50 हजार रुपये की आर्थिक सहायता किसानों को देगी.

खाद्य  दवाइयों के लिए मिलेगी सहायता

इसके अतिरिक्त सरकार की इस योजना के तहत किसानों को जैविक खाद, जैविक कीटनाशक जैसी दवाइयां  खेती के लिए उपकरण खरीदने को सरकार 31,000 रुपये की आर्थिक सहायता भी देगी. वहीं, स्वायल हेल्थ मैनेजमेंट के तहत व्यक्तिगत एजेंसियों को नाबार्ड के जरिए प्रति यूनिट 63 लाख रुपये लागत सीमा पर 33 प्रतिशत तक की आर्थिक सहायता मिल रही है. इसके साथ ही मिशन आर्गेनिक वैल्यू चेन डेवलपमेंट फॉर नॉर्थ इस्टर्न रीजन के तहत कार्य करने वाले किसानों को भी खाद्य खरीदने के लिए 7500 प्रति हेक्टेयर के हिसाब से मदद दी जा रही है.

जैविक खेती सर्टिफिकेट की होगी जरूरत

सरकार की इस योजना का फायदा लेनेे के लिए किसानों को जैविक खेती का प्रमाण लेटर लेना होगा. इसके लिए किसानों को आवेदन करना होगा. इस सार्टिफिकेट को रिसीव करने के लिए सरकार की ओर से 19 एजेंसियों को मान्यता दी गई है. आपको उन्हीं एजेसियों से सर्टिफिकेट बनवाना हैं, जिनको सरकार की ओर से मान्यता प्राप्त है. इसके साथ ही प्रमाण लेटर लेने से पहले मिट्टी, खाद, बीज, सिंचाई, कीटनाशक, कटाई, पैकिंग  भंडारण सहित सभी कार्य के लिए जैविक सामग्री की आवश्यकता होगी. इसके साथ ही आपको अपने भंडारण की गई सामग्री का रिकॉर्ड भी रखना होता है. इस रिकॉर्ड की सरकार की ओर से जाँच कराई जाएगी. इसके बाद ही किसानों को सरकार की ओर से सर्टिफिकेट दिया जाएगा.

जैविक खेती करना है बड़ी चुनौती

आज के समय में जैविक खेती करना किसानों के लिए एक बड़ी चुनौती है. हिंदुस्तान जैसे देश जहां पर 130 करोड़ लोग रहते हैं वहां ऑर्गेनिक खेती किसी चुनौती से कम नहीं है. देश में ज्यादा आबादी होने के कारण खेती करने वाले किसानों को कठिनाई का सामना करना पड़ता है.

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