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अनुच्छेद 370 हटने के बाद आज कश्मीर की स्थिति का जायजा लेंगे राहुल समेत विपक्ष के नेता

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी  कई अन्य विपक्षी दलों के वरिष्ठ नेता शनिवार को कश्मीर का दौरा करेंगे  अनुच्छेद 370 के प्रमुख प्रावधानों को हटाए जाने के बाद वहां की स्थिति का जायजा लेंगे. वहीं जम्मू और कश्मीर सरकार ने शुक्रवार रात बयान जारी कर राजनेताओं से घाटी की यात्रा नहीं करने को कहा, क्योंकि इससे धीरे-धीरे शांति  आम जनजीवन बहाल करने में बाधा पहुंचेगी. कांग्रेस पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी  के अतिरिक्त कांग्रेस पार्टी के वरिष्ठ नेता गुलाम नबी आजाद  आनंद शर्मा भी कश्मीर जाएंगे.

विपक्षी नेताओं के इस प्रतिनिधिमंडल में माकपा महासचिव सीताराम येचुरी, भाकपा महासचिव डी राजा, राजद के मनोज झा, द्रमुक के तिरुचि शिवा, तृणमूल कांग्रेस पार्टीके दिनेश त्रिवेदी  कुछ अन्य दलों के नेता शामिल होंगे. दरअसल, जम्मू और कश्मीर के गवर्नर सत्यपाल मलिक ने राहुल गांधी को कश्मीर आने का न्योता दिया था जिसके बाद राहुल गांधी शनिवार को श्रीनगर जाने वाले हैं.

– दिल्ली: कांग्रेस पार्टी नेता राहुल गांधी अपने आवास से रवाना हुए. आज विपक्षी नेताओं का एक प्रतिनिधिमंडल जम्मू और कश्मीर का दौरा करेगा- कश्मीर जाने वाले विपक्षी प्रतिनिधिमंडल का भाग अधीन नबी आज़ाद ने बोला कि एक तरफ सरकार का बोलना है कि स्थिति सामान्य है  दूसरी तरफ वे किसी को भी जाने की अनुमति नहीं देते हैं. अगर चीजें सामान्य हैं तो सियासी नेताओं को नजरबंद क्यों किया जाता है?

– सरकार ने बोला गया है कि सियासतदानों की यात्रा पाबंदियों का उल्लंघन करेंगी जो घाटी के कई इलाकों में लगाई गई हैं. यह बयान, कश्मीरी लोगों से मिलने के लिए कांग्रेस पार्टीनेता राहुल गांधी समेत विपक्ष के सदस्यों की शनिवार को प्रस्तावित यात्रा की पृष्ठभूमि में आया है. जम्मू और कश्मीर से विशेष प्रदेश का दर्जा वापस लेने के बाद से कश्मीर में पाबंदियां लगी हुई हैं.

– जम्मू और कश्मीर प्रशासन ने बयान में बोला कि ऐसे वक्त में जब सरकार प्रदेश के लोगों को सीमा पार आतंकवाद के खतरे  आतंकियों तथा अलगाववादियों के हमलों से बचाने की प्रयास कर रही है  उपद्रवियों तथा शरारती तत्वों को नियंत्रित करके लोक व्यवस्था बहाल करने की प्रयास कर रही है, तब वरिष्ठ राजनेताओं की ओर से आम जनजीवन को धीरे-धीरे पटरी पर लाने में बाधा डालने की प्रयास नहीं होनी चाहिए.

– बयान में बोला गया है कि राजनेताओं से अनुरोध किया जाता है कि योगदान दें  श्रीनगर की यात्रा नहीं करें, क्योंकि उनके ऐसा करने से अन्य लोगों को असुविधा होगी. वे पाबंदियों का भी उल्लंघन करेंगे जो अब भी कई इलाकों में कायम हैं. वरिष्ठ नेताओं को समझना चाहिए कि शांति, व्यवस्था  जानहानि को रोकने को शीर्ष अहमियत देनी चाहिए.

– अनुच्छेद 370 के प्रावधानों को हटाने के बाद से सरकार ने अबतक किसी भी सियासतदान को प्रदेश में आने की इजाजत नहीं दी है. पूर्व मुख्यमंत्रियों, फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला  महबूबा मुफ्ती समेत क्षेत्रीय पार्टियों के नेताओं को नज़रबंद किया हुआ है, जबकि कांग्रेस पार्टी सांसद अधीन नबी आज़ाद को दो बार प्रदेश में प्रवेश करने से रोका गया है.उन्हें एक बार श्रीनगर में  दूसरी बार जम्मू में रोका गया.

– बताते चलें कि हाल ही में सरकार ने जम्मू और कश्मीर से अनुच्छेद 370 के कई प्रावधान हटाने  प्रदेश को दो केंद्रशासित प्रदेशों को बांटने का कदम उठाया. इसके मद्देनजर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए प्रदेश के कई इलाकों में ऐहतियातन भारी सुरक्षा बलों की तैनाती की गई  मोबाइल एवं इंटरनेट सेवाएं निलंबित कर दी गईं. इसके अतिरिक्त पूर्व सीएम फारूक अब्दुल्ला, उमर अब्दुल्ला, महबूबा मुफ्ती सहित कई नेताओं को गिरफ्तार किया गया अथवा नजरबंद किया गया.

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