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Kumbh में स्वच्छता को लेकर सरकार सख्त

इलाहाबाद में होने वाले Kumbh कुंभ के भव्यता व स्वछता को लेकर योगी सरकार काफी सक्रिय है। नदियों में सफाई व कचरा न काने पाए, इस बात का ध्यान देते हुए सरकार ने 11 हजार से ज्यादा सफाईकर्मी पर दिन-रात पूरे मेला क्षेत्र की सफाई करने का जिम्मा सौंपा है। कुम्भ के दौरान बड़ी संख्या में आने वाले श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए 1.22 फाइबर शौचालयों को स्थापित कर रही है जोकि पूर्णतया निःशुल्क रहेगा। इस पूरी योजना में करीब 922 करोड़ रुपये खर्च किए जाने है।

Kumbh : सफाई पर विशेष ध्यान

कैबिनेट के फैसले की जानकारी देते हुए राज्य सरकार के प्रवक्ता श्रीकांत शर्मा ने बताया कि नमामि गंगे योजना को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने कुंभ के दौरान गंगा नदी में वेस्ट का एक भी तिनका न जाने देने का संकल्प लिया है। इसके लिए बजट में धनराशि का प्रावधान भी किया जा चुका है। वहीँ फाइबर के शौचालय स्थापित करने को 292 करोड़ रुपये खर्च करने की जानकारी दी। इसका काम एनएमसीजी को दिया गया है जो अपने कर्मचारियों के जरिए इसका पूरा प्रबंध करेंगे। राज्य सरकार इसके लिए 161 करोड़ का अपना अंशदान देगी।

सफाई को लेकर कहाँ कितना खर्च

  • 922 करोड़ रुपये से कुंभ क्षेत्र को बनाया ओडीएफ और कूड़ा मुक्त
  • 1,22500 फाइबर के सुपर स्ट्रक्चर कम्युनिटी शौचालयों की होगी स्थापना
  • 11400 सफाईकर्मी पूरे मेला क्षेत्र में दिन-रात करेंगे साफ-सफाई का काम
  • 75 हजार शौचालयों को राज्य सरकार करेगी स्थापित
  • 47500 शौचालय एनएमसीजी की स्थापना एनएमसीजी के जिम्मे

संपत्ति विभाग को वापस होगा अतिथि गृह

कैबिनेट ने राजधानी के शहीद पथ स्थित रमाबाई अंबेडकर मैदान के हैलीपैड व अतिथि गृह को राज्य संपत्ति विभाग को वापस देने का निर्णय लिया है। इसका निर्माण पूर्ववर्ती बसपा सरकार ने कराया था। सपा सरकार में यह संपत्ति नागरिक उड्डयन विभाग को सौंप दी गयी थी जिसका फैसला वर्तमान सरकार ने बदल दिया है।

जनसुविधाओं का विकास के लिए

कैबिनेट ने त्वरित विकास योजना के लिए 1850 करोड़ रुपये खर्च करने की अनुमति प्रदान कर दी है। इनमें राजकीय माध्यमिक विद्यालय, महाविद्यालय, पॉलीटेक्निक, आईटीआई, स्वास्थ्य सेवाओं से संबंधित भवन, जलापूर्ति,शहरी क्षेत्रों में प्रकाश व्यवस्था, सड़कों का सुधार, पुनर्निमाण, चौड़ीकरण, सेतुओं का निर्माण, ग्रामीण सड़कों का निर्माण, वकीलों के लिए चैंबर, जलनिकासी कार्यक्रम से संबंधित कार्य, लघु सिंचाई के कार्यक्रम, वनीकरण कार्यक्रम, विद्युतीकरण, विद्युत वितरण केंद्र, भूमिगत विद्युत आपूर्ति, जनसुविधाओं का विकास व सीएम द्वारा चयनित अन्य पूंजीगत कार्य किए जा सकेंगे।

 

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