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योगी सरकार से नाराज असंतुष्ट वर्ग मोर्चा खोलने को तैयार

लखनऊ। राज्य की योगी सरकार और केंद्र सरकार से अलग-अलग कारणों से असंतुष्ट कई वर्ग के लोग आने वाले दिनों में सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल सकते हैं। जीएसटी, महंगाई व सरकार की अलग-अलग नीतियों से परेशान कई वर्ग के लोग अपनी बात सरकार तक पहुंचाने के लिए ऐसा कर रहे हैं। 28 सितम्बर से व्यापारियों से लेकर दवा कारोबारियों तक ने भारत बंद का ऐलान किया है। वहीं राज्य कर्मचारियों और शिक्षकों ने भी 8 अक्टूबर को आंदोलन करने का निर्णय किया है।

योगी सरकार के विरोध में देशव्यापी बंद घोषित

एफडीआई, सैंपलिंग, आयकर और मंडी शुल्क से लेकर वन विभाग के टैक्स सहित कई मुद्दों पर लोगों की नाराजगी है। ऑल इंडिया ऑर्गेनाइजेशन ऑफ केमिस्ट्स और ड्रगिस्टस ने ई-फार्मेसी के तहत दवाओं की ऑनलाइन बिक्री के विरोध में 28 अक्टूबर को देशव्यापी बंद घोषित किया है। दरअसल, ऐसा करने से बड़े पैमाने पर दवा कारोबार प्रभावित हो रहा है। संगठन के महासचिव सुरेश गुप्ता के मुताबिक अगर दवाएं ऑनलाइन बिकती हैं, तो नशीली व प्रतिबंधित दवाओं की सप्लाई को रोक पाना मुश्किल है। वहीं सरकारी अस्पतालों के डॉक्टर भी धवस्त स्वास्थ व्यवस्था को लकर परेशान हैं।

राज्य कर्मचारी व शिक्षकों की राज्यस्तरीय रैली

इसी तरह सरकार द्वारा पुरानी पेंशन योजना बहाल करने की मांग को लेकर नाराज प्रदेश के लाखों राज्य कर्मचारी व शिक्षक लखनऊ में राज्यस्तरीय रैली करेंगे। राशन विक्रेताओं ने भी सरकार की अनदेखी के खिलाफ 25 सितम्बर को दिल्ली जाकर जेल भरो आंदोलन की तैयारी शुरू की है।
प्रदेश के कई व्यापारी 28 सित्मबर को भारत बंद में शामिल होंगे। जीएसटी की कई दरें व्यापारियों के लिए परेशानी का सबब बन गयी हैं। सिंगल ब्रांड में सौ फीसद एफडीआइ और निरंकुश ऑनलाइन ट्रेडिंग खुदरा व्यापारियों का कारोबार निगल रही है। वहीं आयकर की छूट पर सख्ती से भी बिजनस को घाटा हो रहा है, जो व्यापारियों के लिए परेशानी बन गयी है। आयकर छूट की सीमा को पांच लाख रुपये और आयकर की धारा 80-सी में छूट की सीमा डेढ़ लाख से बढ़ाकर ढाई लाख रुपये करने की मांग सरकार से की जा रही है।

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