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IISF में गूंजेंगी विज्ञान कविताएं, होगी साइनटून की कार्यशाला

लखनऊ। भारतीय अंतराष्ट्रीय विज्ञान महोत्सव IISF इस बार जहां विज्ञान कविताओं से गुलजार होगा वहीं देश भर से आये विद्यार्थी साइनटून के गुर सीखेंगे। नेशनल बोटैनिकल रिसर्च इंस्टीट्यूट में आयोजित हो रहे साइंस विजेल में देश भर से हजारों की संख्या में आ रहे विद्यार्थी ‘प्रकृति के लिए विज्ञान’ विषय पर कविताएं लिखेंगे।

IISF : बच्चों में वैज्ञानिक चेतना जागृत करने की पहल

लखनऊ के व्यंग्यकार व विज्ञान कविता के विशेषज्ञ कवि पंकज प्रसून साइंस विलेज में विज्ञान कविता की कार्यशाला आयोजित करेंगे। वही सीडीआरआई के पूर्व वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ प्रदीप श्रीवास्तव साइनटून बनाना सिखाएंगे, जिसका विषय हरित भारत, स्वच्छ भारत रहेगा। साइंस विजेल के कॉर्डिनेटर डॉ एसके तिवारी ने बताया की इन विषयों पर जो विद्यार्थी कविता लिखेंगे या साइनटून बनाएंगे उनमें से बेस्ट प्रतिभागी को एवार्ड भी दिया जायेगा।

साइनटून

सीडीआरआई के पूर्व उप निदेशक डॉ प्रदीप श्रीवास्तव पिछले तीस सालों में साइनटून के माध्यम से कमेस्ट्री, बायोटेक, नैनोटेकनोलॉजी सहित 20 विषयों पर दुनिया भर में व्याख्यान दे चुके हैं। डॉ प्रदीप कार्टून साइंस के मिश्रण से तैयार इस विधा के जनक कहे जाते हैं। सिंगापुर की पापुलर साइंस पत्रिका ‘ द यंग साइंटिस्ट ‘ के ब्रांड एम्बेसडर डॉ प्रदीप श्रीवास्तव अब तक एक हजार बच्चों के लिए वर्कशॉप कर चुके हैं। इनको आउटस्टैंडिंग यंग पर्सन ऑफ द वर्ल्ड का खिताब भी प्राप्त है।

साइंस पोएट्री ( पोएटून)

जाने माने हास्य कवि और व्यंग्यकार कॉलमिस्ट पँकज प्रसून देश के इकलौते ऐसे कवि हैं जो साइंस और हास्य का मिलाकर ऐसी कविता सुनाते हैं कि श्रोता वाह वाह कर उठते हैं। गूढ़ और नीरस सिद्धांतों में भी रस भर देते हैं। उनकी कुछ लाइनें-

जिंदगानी है एक्वेरियम की तरह, चल रही डारविन के नियम की तरह,
इनको छेड़ो न विस्फोट हो जाएगा, भावनाए हैं यूरेनियम की तरह।

2017 का के एन भाल पुरस्कार

पँकज प्रसून की परमाणु ऊर्जा को लेकर लिखी किताब ‘परमाणु की छांव में’ को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का वर्ष 2017 के केएन भाल पुरस्कार दिए जाने की घोषणा हुई है।यह किताब एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज हुई है । पँकज प्रसून तमाम टीवी चैनलों, रेडियो स्टेशनों से अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं। देश के सबसे काव्य मंच लालकिला कवि सम्मेलन में भी प्रसून काव्य पाठ कर चुके हैं।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग के वैज्ञानिक एवम साइंस के समन्वयक डॉ मनोज रोहिल्ला के अनुसार देश भर से 10000 से ज्यादा विद्यार्थी साइंस विलेज मे प्रतिभाग कर रहे है।

आईआईएसएफ को देश के सबसे बड़े विज्ञान उत्सव के रूप में जाना जाता है। जिसमें विश्व भर से वैज्ञानिक, शोधार्थी,बच्चे, कम्पनियां प्रतिभाग करती हैं। इस कार्यक्रम का उद्घाटन राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद करेंगे। डॉ हर्षवर्धन,नितिन गडकरी, प्रकाश जावड़ेकर, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, सहित तमाम केंद्रीय मंत्री शिरकत कर रहे हैं।

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