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बाबरी मस्जिद विध्वंस : 1853 में पहली हिंसा

अयोध्या। बाबरी मस्जिद विध्वंस की 26वीं बरसी के मौके पर किसी भी आशंका को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा के कड़े इंतजाम कर रखे हैं। रेलवे स्टेशन, बस स्टेशन धर्मशालाओं के साथ ही हर आने जाने वालों पर पुलिस कड़ी निगाह रखे हुए है। जनपद और उसके आसपास के जिलों में भी जांच एजेंसिया सतर्क निगरानी कर रही हैं।

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विश्व हिन्दू परिषद शौर्य दिवस

शासन की तरफ से भी सुरक्षा व्यवस्था को लेकर सख्त निर्देश दिए गए हैं। दूसरी तरफ राम मंदिर निर्माण को लेकर हिंदू संगठनों ने अपनी मुहीम तेज कर दी है। हर साल की तरह इस बार भी विश्व हिन्दू परिषद 6 दिसंबर को शौर्य दिवस मना रहा है। जिसके तहत कई जगहों पर सभा एवं हवन कार्यक्रम का आयोजन किया गया है।

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1853 में पहली बार धार्मिक हिंसा

ऐसा नहीं है की राम मंदिर प्रकरण आज़ादी के बाद से शुरू हुआ हो वर्ष 1853 में इस मामले को लेकर पहली बार दो समुदायों के धार्मिक हिंसा हुर्इ थी। उस समय भी हिंसा इतनी भड़क गयी थी कि बाबरी मस्जिद का हिस्सा छतिग्रस्त हो गया था।

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