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पीएम मोदी के खिलाफ विवादित भाषण देना सुखजिंदर सिंह रंधावा को पड़ा भारी, कोर्ट ने दिया ये आदेश…

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ विवादित भाषण को लेकर राजस्थान कांग्रेस कमेटी के प्रभारी और पंजाब के पूर्व उपमुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhvinder Singh Randhawa) की मुश्किलें बढ़ गईं हैं। सोमवार को कोटा की एक अदालत ने पुलिस को रंधावा के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने के निर्देश दिए।

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सुखजिंदर सिंह रंधावा Sukhvinder Singh Randhawa

मार्च महीने में महावीर नगर थाने में रंधावा के खिलाफ शिकायत दी थी गई थी, लेकिन पुलिस ने केस दर्ज नहीं किया था। फिर अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट क्रम 6 में कांग्रेस प्रभारी के खिलाफ इस्तेगासा पेश किया था। कोर्ट ने सुनवाई करते हुए सोमवार को महावीर नगर थाना पुलिस को मामला दर्ज करने के आदेश दिए।

13 मार्च को सुखजिंदर सिंह रंधावा (Sukhvinder Singh Randhawa) ने राजभवन घेराव के बाद विवादित भाषण दिया। उन्होंने देश को बचाने के लिए मोदी को खत्म करने की बात कही। उन्होंने कहा था, ‘अपनी लड़ाई खत्म करो, मोदी को खत्म करने की बात करो। अगर मोदी खत्म हो गया तो हिन्दुस्तान बच जाएगा। अगर मोदी रहा तो हिन्दुस्तान खत्म हो जाएगा।’ हालांकि बाद में उन्होंने सफाई देते हुए कहा था कि वह राजनीतिक रूप से खत्म करने की बात कर रहे थे। रंधावा के भाषण के बाद विधायक मदन दिलावर ने कार्यकर्ताओं और भाजपा नेताओं के साथ महावीर नगर थाने पहुंचे और शिकायत दी थी।

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मामले में कोर्ट ने बहस सुनने के बाद जज ने कहा कि जो भाषण जयपुर में दिया गया था। उसका प्रभाव कोटा के साथ साथ पूरे देश में भी हुआ है। वहीं, दिलावर के एडवोकेट मनोज पुरी ने कहा कि रंधावा द्वारा भीड़ के बीच देश के प्रधानमंत्री के खिलाफ हेट स्पीच दी गई।

पीएम मोदी के विरुद्ध भड़काने उनकी हत्या करने के लिए प्रेरित करने, राष्ट्र की एकता और अखंडता को भंग करने और लोगों के बीच घृणा व हिंसा भड़काने का प्रयास किया है। जो भारतीय दंड संहिता की धारा 153 बी, 124 ए, 295 ए, 504, 506, 511 आईपीसी के तहत दंडनीय अपराध है।

पुलिस ने मुकदमा दर्ज करने से इनकार कर दिया था। जिसके बाद विधायक दिलावर ने थाना परिसर में ही धरना दे दिया था। वहीं इस्तागासा पेश होने के बाद 10 मई को कोर्ट ने एसपी शरद चौधरी से रिपोर्ट मांगी थी। कोर्ट में पेश हुई रिपोर्ट में बताया था कि कि प्रदेश प्रभारी रंधावा ने जयपुर में भाषण दिया था इसलिए कोटा में मामला नहीं बनना पाया जाता। इस कारण कोटा मुकदमा दर्ज नहीं किया।

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