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“चोट करनी है तो दिमाग पर करें, दिल पर नहीं,” जानें जगदीप धनखड़ ने ऐसा क्यों कहा

राज्यसभा में पिछले कुछ दिनों से जारी हंगामे और विपक्षी दलों द्वारा सभापति जगदीप धनखड़ को पद से हटाने के प्रस्ताव के नोटिस के बीच गुरुवार को उन्होंने विपक्षी दलों को रिश्तों की अहमियत बताई। उन्होंने कहा कि चोट करनी है तो दिमाग पर कीजिए, दिल पर नहीं। राज्यसभा की कार्यवाही शुरू होते ही धनखड़ ने वरिष्ठ सदस्य शरद पवार और बीजेपी के हर्ष महाजन के जन्मदिन का जिक्र किया और उन्हें सदन की ओर से बधाई दी। जब वे महाजन के राजनीतिक और सामाजिक जीवन का जिक्र कर रहे थे, तो विपक्षी सदस्य ने उनके कांग्रेस से रिश्तों का जिक्र किया, जिस पर  सभापति ने तुरंत प्रतिक्रिया दी।

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“आपको रिश्ते याद ही कहां रहते हैं”

सभापति जगदीप धनखड़ ने कहा, “आप तो रिश्तों को बहुत जल्दी भूल जाते हो। आपको रिश्ते याद ही कहां रहते हैं। रिश्तों की अहमियत समझो थोड़ा। इन रिश्तों की तिलांजलि नहीं दी जाती है। इस रिश्तों को पूजा जाता है, संजोया जाता है।” उनका यह बयान विपक्ष के उस आरोप के संदर्भ में था, जिसमें कहा गया था कि सभापति धनखड़ अपनी अगली पदोन्नति के लिए सरकार के प्रवक्ता की तरह काम कर रहे हैं और उनके आचरण ने राज्यसभा की गरिमा को नुकसान पहुंचाया है। विपक्षी दलों के नेताओं ने इस मुद्दे पर संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में कहा कि उनका व्यक्तिगत रूप से धनखड़ से कोई विरोध नहीं है, लेकिन संविधान और लोकतंत्र की रक्षा के लिए यह कदम उठाना पड़ा।

 

सभापति को हटाने के लिए नोटिस

विपक्षी दलों ने सभापति को हटाने के लिए नोटिस दिया है, जिसके बाद सत्तारूढ़ बीजेपी ने खुलकर उनका बचाव किया। बीजेपी ने आरोप लगाया कि कांग्रेस धनखड़ पर आक्षेप लगा रही है, ताकि पार्टी के अरबपति निवेशक जॉर्ज सोरोस के साथ रिश्तों पर उठाए जा रहे सवालों से ध्यान भटकाया जा सके। इस विवाद के बीच, हर्ष महाजन का बीजेपी से जुड़ना भी चर्चा का विषय बना हुआ है। महाजन पहले कांग्रेस में थे। उन्होंने हाल ही में बीजेपी का दामन थामा और राज्यसभा चुनाव में कांग्रेस के वरिष्ठ नेता अभिषेक मनु सिंघवी को मात दी थी। बता दें कि जगदीप धनखड़ भी कुछ समय कांग्रेस में थे।

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