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Mobile Wallet लौटायेगा पूरा पैसा

नई दिल्ली। मोबाइल वॉलेट Mobile Wallet धोखाधड़ी से बचने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत आरबीआई ने कस्टमर को क्रेडिट और डेबिट कार्ड की तरह सुरक्षा प्रदान की है। आरबीआई यह सुनिश्चित कर रहा है कि ट्रांजेक्शन पर मिलने वाले एसएमएस के साथ मोबाइल नंबर या ईमेल आईडी भी होना चाहिए। जिससे फ्राड होने की दशा में कार्रवाई करने में आसानी हो। इसके लिए सभी मोबाइल वॉलेट यूजर्स को एसएमएस अलर्ट की सेवा लेना होगी।

Mobile Wallet कंपनी

मोबाइल वॉलेट Mobile Wallet कंपनी पेटीएम, फोनपे, अमेजनपे और दूसरी कंपनियों को इस बात को सुनिश्चित करना होगा कि उनके सभी कस्टमर एसएमएस अलर्ट की सेवाएं ले। मोबाइल कंपनियों को 24 घंटे और सातों दिन के लिए कस्टमर केयर हेल्पलाइन का गठन करना होगा, जो धोखाधड़ी होने की दशा में कस्टमर की मदद कर सके।

यदि मोबाइल वॉलेट का कस्टमर किसी धोखाधड़ी, लापरवाही या कंपनी की किसी गलती का शिकार होता है तो उसको 3 दिनों के अंदर रिपोर्ट दर्ज करवाने पर सारा पैसा वापस मिल जाएगा। आरबीआई ने कहा है कि यदि कस्टमर कंपनी की गलती से धोखाधड़ी का शिकार हुआ है ।

तो कस्टमर के रिपोर्ट दर्ज न करवाने पर भी उसको पैसों की वापसी कंपनी को करना पड़ेगी।यदि धोखाधड़ी की रिपोर्ट 4 से 7 दिनों के अंदर दर्ज करवाई की गई है और लेनदेन 10 हजार रुपए से ज्यादा का नहीं है तो कंपनी इसका भुगतान करेगी। यदि रिपोर्ट 7 दिन के बाद की जाती है तो पैसों की वापसी मोबाइल कंपनी के द्वारा आरबीआई के नए नियमो के तहत होगी। धोखाधड़ी के सभी केस कंपनी को 10 दिन के अंदर हल करना होंगे। सभी प्राप्त शिकायतों का निपटारा 90 दिनों के अंदर करना होगा। यदि 90 दिनों के अंदर समस्या का समाधान नहीं होता है तो कंपनी को कस्टमर द्वारा गंवाई गई राशि का भुगतान करना होगा।

केवाईसी वेरिफिकेशन न होने पर यूजर्स फरवरी 2019 के बाद मोबाइल वॉलेट का यूज नहीं कर पाएंगे। इस मामले में विशेषज्ञों का कहना है कि 95 फीसद मोबाइल वॉलेट इस वजह से मार्च से काम करना बंद कर देंगे।

 

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