औरैया। जिला अस्पताल चिचौली में पूर्व में तैनात रहे मुख्य चिकित्सा अधीक्षक (सीएमएस) समेत एक लिपिक के विरुद्ध हेराफेरी कर अपने करीबियों की फर्मों के नाम फर्जी बिल बाउचर लगा सरकारी बजट से करीब दो करोड़ रुपए निकालने के आरोप में सदर कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराया गया है।
आधिकारिक सूत्रों ने बुधवार को बताया कि सौ शैय्या जिला अस्पताल चिचौली में तैनात तत्कालीन सीएमएस डॉक्टर राजीव रस्तोगी के खिलाफ आ रहीं वित्तीय लापरवाही की शिकायतों के आधार पर जिलाधिकारी सुनील कुमार वर्मा द्वारा एडीएम, सीएमओ, वरिष्ठ कोषाधिकारी, कार्यक्रम प्रबंधक व जिला लेखा प्रबंधक की पांच सदस्यीय टीम से जांच कराई थी। जांच में पता चला कि तत्कालीन सीएमएस डॉक्टर राजीव रस्तोगी ने एरवाकटरा ब्लाक की सीएचसी में तैनात लिपिक आदेश कुमार (बीपीएम) को रोगी कल्याण समिति के बिना अनुमति के उन्हें सौ शैय्या अस्पताल में संबद्ध कर दिया, जिसके बाद दोनों ने मिलकर करोड़ों रूपए के सरकारी बजट की हेराफेरी की।
बताया कि सीएमएस द्वारा वित्तीय वर्ष 2020-21 में शासन से मिले एक करोड़ 67 लाख 89 हजार 854 रुपये का भुगतान फर्म सन फैसिलिटी को 60 बिलों के माध्यम से कर दिया। जबकि इन बिलों में न तो महीना अंकित था और न हीं बिल प्रमाणित किए गए थे। इसके अलावा अस्पताल में दो वाशिंग मशीन होने के बाद भी आठ लाख 94 हजार छह सौ रुपये का भुगतान चादर धुलाई के नाम पर उन्नाव की तीन फर्म मैसर्स नमन इंटरप्राइजेज, मैसर्स शिवांगी इंटरप्राइजेज व काली इंटरप्राइजेज को किया गया। जांच में ये फर्मे लिपिक के संबंधियों की निकलीं। जननी व शिशु सुरक्षा कार्यक्रम के तहत लाभार्थियों को दो लाख 98 हजार 800 रुपये का भुगतान दर्शाया गया, इनकी पत्रावलियां गायब हैं। अन्य मदों में भी बिना टेंडर के कई बिल का भुगतान किया गया। पांच सदस्यीय जांच टीम को रिकार्ड से कई बिल व पत्रावलियां गायब मिलीं।
सरकारी बजट में करीब दो करोड़ रुपये के हेरफेर पर सदर कोतवाली में मंगलवार देर रात धोखाधड़ी व गबन का मुकदमा दर्ज किया गया। सीएमओ डॉक्टर अर्चना श्रीवास्तव ने बताया कि जांच रिपोर्ट के आधार पर वित्तीय अनियमितता के आरोप में सीएमएस व व लिपिक के विरुद्ध धारा 409, 420. 467, 468, 471 के तहत मुकदमा दर्ज कराया गया है।
रिपोर्ट-शिव प्रताप सिंह सेंगर