लखनऊ। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने आर्थिक रूप से कमजोर परिवार की बेटियों के विवाह के लिए सामूहिक विवाह योजना (mass marriage scheme) की निगरानी सख्त करने के निर्देश दिए हैं। कन्या के आधार सत्यापन में लापरवाही पर अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाएगी। इसके साथ ही विवाह स्थल पर वर-वधू दोनों की बायोमेट्रिक (Biometrics of both bride and groom) उपस्थिति अनिवार्य होगी, ताकि फर्जीवाड़ा रोका जा सके। विवाह में दी जाने वाली उपहार सामग्री, जलपान और भोजन आदि के मानक तैयार कर उनका कड़ाई से पालन करवाया जाएगा।
एक ही स्थान पर 100 या उससे अधिक जोड़ों की शादियों की स्थिति में संबंधित जिलाधिकारी स्वयं मौजूद रहेंगे। समाज कल्याण राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने बताया कि सरकार का उद्देश्य है कि योजना का लाभ पात्र परिवार आसानी से ले सकें। इसके लिए कई स्तर पर बदलाव किए जा रहे हैं। योजना में लाभार्थियों को दिए जाने वाले उपहारों की गुणवत्ता और आपूर्ति में पारदर्शिता के लिए अब फर्मों के चयन की प्रक्रिया निदेशालय स्तर से की जाएगी, ताकि जिला स्तर पर किसी तरह की अनियमितता न हो।
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समारोह में मंडलीय उपनिदेशकों और जिला समाज कल्याण अधिकारियों की उपस्थिति अनिवार्य होगी। एक जिले के अधिकारी दूसरे जिले में आब्जर्वर के रूप में नामित कर भेजे जाएंगे। समारोह में किसी भी अनियमितता की स्थिति में ये अधिकारी सीधे निदेशालय या मंडलीय उपनिदेशक को रिपोर्ट करेंगे। योजना के प्रभारी उप निदेशक, समाज कल्याण आरपी सिंह ने बताया कि इस वर्ष लगभग एक लाख जोड़ों का विवाह करवाए जाने का लक्ष्य रखा गया है।