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अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़: जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा गैंग के चौंकाने वाले खुलासे

बलरामपुर। उत्तर प्रदेश पुलिस ने एक बड़े अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़ (Illegal conversion racket busted) किया है, जिसका सरगना जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा (Jamaluddin alias Changur Baba) बताया जा रहा है। इस गैंग पर गरीब और असहाय लोगों को लालच देकर या डरा-धमकाकर धर्म परिवर्तन कराने का आरोप है। जांच में कई चौंकाने वाले तथ्य सामने आए हैं, जिनमें विदेशी फंडिंग, करोड़ों रुपये का लेन-देन और प्रेम जाल में फँसाकर धर्मांतरण जैसे गंभीर आरोप शामिल हैं।

ऐसे हुआ मामले का खुलासा

यह मामला तब सामने आया जब बलरामपुर के मधपुर गांव से शिकायतें मिलनी शुरू हुईं। शिकायत में पीर साहब, नसरीन, जमालुद्दीन और महबूब जैसे संदिग्ध व्यक्तियों के रहने और एक साल के भीतर करोड़ों रुपये की संपत्ति (शोरूम, बंगला, लग्जरी गाड़ियां) खरीदने का जिक्र था, जो कथित तौर पर विदेशी फंडिंग से खरीदी गई थी।

अवैध धर्मांतरण रैकेट का भंडाफोड़: जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा गैंग के चौंकाने वाले खुलासे

जांच में पता चला कि जमालुद्दीन उर्फ छांगुर बाबा, जो मूल रूप से रेहरा माफी का निवासी है, मधपुर में नवीन घनश्याम रोहरा, उनकी पत्नी नीतू नवीन रोहरा और बेटी समाले नवीन रोहरा के साथ रह रहा था। ये तीनों मूल रूप से सिंधी थे, जिन्हें छांगुर शाह ने ब्रेनवाश कर इस्लाम धर्म अपनाने के लिए उकसाया।

धर्म परिवर्तन के बाद उन्होंने अपने नाम क्रमशः जमालुद्दीन, नसरीन और सबीहा रख लिए थे। छांगुर बाबा खुद को पीर बाबा और सूफी बासफा हजरत बाबा जलालुद्दीन बताता है और उसने “शिजर-ए-तैय्यबा” नाम से एक पुस्तक भी छपवाई है, जिसके माध्यम से वह इस्लाम धर्म का प्रचार-प्रसार करता है।

प्रेमजाल और पैसे का खेल

जांच में धर्मांतरण के लिए इस्तेमाल की जाने वाली एक और भयावह रणनीति का खुलासा हुआ है: प्रेमजाल में फँसाना। लखनऊ निवासी गुंजा गुप्ता का मामला इसका जीता-जागता उदाहरण है। उसे अबू अंसारी ने धोखे से अपना नाम अमित बताकर प्रेम जाल में फँसाया। इसके बाद गुंजा को छांगुर शाह की दरगाह ले जाया गया, जहाँ नीतू उर्फ नसरीन और नवीन उर्फ जमालुद्दीन ने उसका ब्रेनवाश किया। उसे खुशहाल जीवन का प्रलोभन देकर इस्लाम धर्म स्वीकार करवाया गया, और उसका नाम अलीना अंसारी रख दिया गया।

इससे भी चौंकाने वाली बात यह है कि इस गैंग ने धर्मांतरण के लिए जाति के आधार पर पैसे की दरें निर्धारित कर रखी थीं। हिन्दू धर्म की ब्राह्मण, सरदार या क्षत्रिय लड़कियों को इस्लाम स्वीकार कराने पर 15-16 लाख रुपये, पिछड़ी जाति की लड़कियों के लिए 10-12 लाख रुपये और अन्य जाति की लड़कियों के लिए 8-10 लाख रुपये तय किए गए थे।

विदेशों से संबंध और विशाल नेटवर्क

जांच में पता चला है कि इस गैंग के सदस्यों ने लगभग 40 बार इस्लामिक देशों की यात्राएं की हैं, जो उनके विदेशी संबंधों की ओर इशारा करता है। वित्तीय लेनदेन की बात करें तो गैंग के सदस्यों ने अपने और विभिन्न संस्थाओं के नाम से 40 से भी ज्यादा बैंक खाते खुलवाए थे, जिनमें लगभग 100 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। यह दर्शाता है कि यह रैकेट बड़े पैमाने पर काम कर रहा था और इसके पास भारी मात्रा में धन उपलब्ध था।

धमकी और दबाव का तरीका

गैंग के प्रमुख सदस्य, जिनमें छांगुर बाबा, महबूब, पिंकी हरिजन, हाजिरा शंकर, एमेन रिजवी (कथित पत्रकार), सगीर, और नीतू रोहरा शामिल हैं, गरीब और असहाय व्यक्तियों को धर्मांतरण के लिए निशाना बनाते थे। अगर कोई उनकी बात नहीं मानता था, तो उसे मुकदमा दर्ज कराने की धमकी देकर दबाव बनाया जाता था।

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इस गैंग के खिलाफ पहले भी मामले दर्ज हो चुके हैं। आजमगढ़ के थाना देवगांव में छांगुर बाबा के सहयोगियों/रिश्तेदारों के विरुद्ध अवैध धर्मांतरण के आरोप में मुअस- 221/23 पंजीकृत है। पुलिस इस मामले की गहनता से जांच कर रही है और गैंग के अन्य सदस्यों की तलाश जारी है।

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