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Tea : जानें चाय से जुड़े फायदे व नुकसान

हमेशा दिन की शुरुआत करनी हो या फिर गपशप करनी हो ,या किसी से मिलने गए हों ,Tea आपको हर जगह मिलेगी। सुबह शाम की चाय के आलावा ना जानें कितने कप चाय आप यूँ ही पी जाते होंगे। लेकिन क्या आप ये जानते हैं की चाय कितने प्रकार की होती है।

जानें Tea से जुड़ीं कुछ बातें

चाय मुख्य रूप से दो प्रकार की होती हैं। जिनमे एक प्रोसेस्ड या सीटीसी और दूसरी ग्रीन टी (नैचरल टी) है।

सीटीसी चाय

यह विभिन्न ब्रैंड्स के तहत बिकने वाली दानेदार चाय होती है जो आमतौर पर घर, रेस्तरां और होटेल में इस्तेमाल की जाती है। इसमें पत्तों को तोड़कर कर्ल किया जाता है। फिर सुखाकर दानों का रूप दिया जाता है। यह उतनी फायदेमंद नहीं होती है।

ग्रीन टी

यह नैचरल होती है और इसे प्रोसेस्ड नहीं किया जाता। यह चाय के पौधे के ऊपर के कच्चे पत्ते से बनती है। सीधे पत्तों को तोड़कर भी चाय बना सकते हैं। इसमें ऐंटी-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा होते हैं। ग्रीन टी काफी फायदेमंद होती है, खासकर अगर बिना दूध और चीनी के पी जाए। इसमें कैलरी भी नहीं होती। इसी ग्रीन टी से हर्बल व ऑर्गेनिक चाय तैयार की जाती है।

हर्बल और ऑर्गैनिक टी

ग्रीन टी में कुछ जड़ी-बूटियां मसलन तुलसी, अश्वगंधा, इलायची, दालचीनी आदि मिला देते हैं तो हर्बल टी तैयार होती है। यह सर्दी-खांसी में काफी फायदेमंद होती है, इसलिए लोग दवा की तरह भी इसका इस्तेमाल करते हैं। जिस चाय के पौधों में पेस्टिसाइड और केमिकल फर्टिलाइजर नहीं डाले जाते, उसे ऑर्गेनिक टी कहा जाता है।

वाइट टी

यह सबसे कम प्रोसेस्ड चाय होती है। कुछ दिनों की कोमल पत्तियों से इसे तैयार किया जाता है। इसका हल्का मीठा स्वाद काफी अच्छा होता है। इसमें कैफीन सबसे कम और ऐंटी-ऑक्सिडेंट सबसे ज्यादा होता है। इसके एक कप में सिर्फ 15 मिलीग्राम कैफीन होता है, जबकि ब्लैक टी के 1 कप में 40 और ग्रीन टी में 20 मिलीग्राम कैफीन होता है।

इंस्टेंट टी यानी टी बैग्स

इस कैटिगरी में टी बैग्स आते हैं, यानी पानी में डालो और तुरंत चाय तैयार। टी बैग्स में टैनिक ऐसिड होता है, जो नैचरल एस्ट्रिंजेंट होता है। इसमें ऐंटी-वायरल और ऐंटी-बैक्टीरियल गुण होते हैं। इन्हीं गुणों की वजह से टी-बैग्स को कॉस्मेटिक्स आदि में भी यूज किया जाता है।

चाय से जुड़े कुछ तथ्य
  • चाय पीने का पहला आधिकारिक उल्लेख चीन में चौथी शताब्दी में 350 ई. में मिलता है।
  • भारत में चाय की पैदाइश और बिक्री ईस्ट इंडिया कंपनी के आने के बाद ही शुरू हुई। आज भारत दुनियाभर में सबसे ज्यादा चाय का उत्पादन करता है। इसमें से 70 फीसदी की खपत देश में ही हो जाती है।
  • 5-6 कप चाय पीने से मैग्नीजियम की रोजाना 45 फीसदी जरूरत पूरी हो जाती है। शरीर को रोजाना 2-5 मिग्रा मैग्नीजियम की जरूरत होती है।
  • नॉन-वेज खाने के बाद 2-3 कप चाय पीना फायदेमंद होता है। इससे नॉन-वेज में जो कैंसर पैदा करने करनेवाले केमिकल होते हैं, उनका असर कम हो जाता है।

चाय पीने के फायदे

  • चाय में कैफीन और टैनिन होते हैं, जो स्टिमुलेटर होते हैं। इनसे शरीर में फुर्ती का अहसास होता है।
  • इसमें मौजूद अमीनो-एसिड दिमाग को ज्यादा अलर्ट और शांत रखता है। साथ ही इसमें मौजूद एंटीजन, इसे एंटी-बैक्टीरियल क्षमता प्रदान करते हैं।
  • चाय में ऐंटी-ऑक्सिडेंट तत्व पाए जाते हैं जो शरीर की प्रतिरोधक क्षमता बढ़ाते हैं और कई बीमारियों से बचाव करते हैं।
  • ऐंटी-एजिंग गुणों की वजह से चाय बुढ़ापे की रफ्तार को कम करती है और शरीर को उम्र के साथ होनेवाले नुकसान से बचाती है।
  • चाय में फ्लोराइड होता है, जो हड्डियों को मजबूत करता है और दांतों में कीड़ा लगने से रोकता है।

चाय पीने के नुकसान

  • दिन भर में 3 कप से ज्यादा चाय पीने से ऐसिडिटी हो सकती है।
  • इसके अलावा ज्यादा चाय पीने से खुश्की आ सकती है, पाचन में दिक्कत हो सकती है, दांतों पर दाग आ सकते हैं।
  • देर रात चाय पीने से नींद न आने की समस्या हो सकती है।

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