Lucknow। लखनऊ विश्वविद्यालय के रसायन विज्ञान विभाग (Department of Chemistry) ने कुलपति प्रोफेसर आलोक कुमार राय के संरक्षण में अकादमिक और शोध उत्कृष्टता प्राप्त करने के अपने निरंतर प्रयास में, 28 अप्रैल को विशेष सामान्य व्याख्यान श्रृंखला में तेरहवें व्याख्यान (Thirteenth Lecture) का आयोजन किया। यह व्याख्यान आईआईटी कानपुर के रसायन विज्ञान विभाग में एसोसिएट डॉ प्रकाश चंद्र मंडल (Dr Prakash Chandra Mandal of IIT Kanpur) ने दिया। रसायन विज्ञान विभाग के प्रमुख प्रो अनिल मिश्रा ने अतिथियों का स्वागत किया डॉ नीरज कुमार मिश्रा ने उन्हें स्मृति चिन्ह भेंट कर विभाग में उनका स्वागत किया।
डॉ प्रकाश चंद्र मंडल ने “एरिल डायज़ोनियम का इलेक्ट्रोरिडक्शन: आणविक इलेक्ट्रॉनिक्स और उससे आगे के लिए एक स्कूल केमिस्ट्री अवधारणा” शीर्षक से एक आकर्षक व्याख्यान दिया। अणु दो विद्युत संपर्कों के बीच नैनोगैप के रूप में कार्य करते हैं, जिसके बाद करंट-वोल्टेज (I-V) विश्लेषण होता है, जिसे अक्सर “आणविक इलेक्ट्रॉनिक्स” कहा जाता है। आवेश परिवहन तंत्र को समझना, जिसके लिए इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री से विकसित कई अवधारणाएँ आणविक इलेक्ट्रॉनिक्स की आधारशिला हैं।
डॉ मंडल ने कहा कि इलेक्ट्रोकेमिस्ट्री इलेक्ट्रोड-इलेक्ट्रोलाइट इंटरफ़ेस घटना और आणविक प्रजातियों के इलेक्ट्रोकेमिकल गुणों की जांच करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। अणुओं में निहित छोटे आकार, समाधान-प्रक्रियाशीलता, ट्यूनेबल इलेक्ट्रॉनिक्स और उपयुक्त एंकरिंग समूह जैसे गुण आकर्षक इलेक्ट्रॉनिक कार्यात्मकताओं के साथ मिलकर बहुत लाभ प्रदान करते हैं। नैनोस्केल पर आणविक फिल्म की मोटाई का इंटरफ़ेस स्थिरता और नियंत्रण अर्धचालक उपकरणों के लिए सर्वोपरि है, जो एरिल डायज़ोनियम लवणों की इलेक्ट्रोकेमिकल रूप से संचालित कमी द्वारा आसानी से प्राप्त किया जा सकता है।
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इस वार्ता में उन्होंने चर्चा की कि कैसे इलेक्ट्रोकेमिकल ग्राफ्टिंग विधि को बड़े पैमाने पर आणविक जंक्शनों के लिए तकनीकी रूप से प्रासंगिक आईटीओ इलेक्ट्रोड पर नियंत्रण योग्य आणविक नैनो-आर्किटेक्चर विकसित करने में नियोजित किया जा सकता है। दो इलेक्ट्रोड के बीच सैंडविच किए गए छोटे कार्बनिक अणुओं, धातु परिसरों और अणु-नैनोकण हेटरोस्ट्रक्चर से बने आणविक जंक्शनों पर प्रकाश डाला जाएगा। चार्ज ट्रांसपोर्ट, मेमोरी, चार्ज स्टोरेज और स्पिनट्रॉनिक अनुप्रयोगों में इलेक्ट्रोकेमिकल ग्राफ्टेड आणविक परतों के महत्व और विविध अनुप्रयोगों पर भी चर्चा की गई।
इस अवसर पर डॉ सुधीर ने धन्यवाद प्रस्ताव रखा। कार्यक्रम में विभाग के संकाय सदस्यों और शोध विद्वानों ने भाग लिया।