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हनी ट्रैप : BSF का जवान आईएसआई को दे रहा था सूचना

लखनऊ। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई के हनी ट्रैप में BSF जवान फंस गया। खूबसूरती के जाल में फंसाकर आईएसआई की महिला एजेंट ने जवान से उसकी यूनिट की तमाम संवेदनशील जानकारियां ले लीं। इसके साथ साथ कई जगहों की फोटोग्राफ भी हासिल कर लीं मिलिट्री इंटेलिजेंस के अलर्ट पर एक्टिव हुई यूपी एटीएस टीम ने नोएडा से आरोपी जवान को दबोच लिया है।

BSF : पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड

एटीएस ने आरोपी जवान के कब्जे से मोबाइल फोन भी बरामद कर लिया है, जिसके जरिए वह सूचनाएं भेज रहा था। आरोपी को कोर्ट ने पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया है। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई लड़कियों की फेक आईडी बनाकर सेना व पैरामिलिट्री फोर्सेज के कर्मियों को दोस्ती के जाल में फंसाकर जासूसी करा रही हैं। बीते दिनों मिलिट्री इंटेलिजेंस की चंडीगढ़ यूनिट ने यूपी एटीएस को ऐसी ही फर्जी नाम से बनाई गई फेसबुक आईडी के बारे में इंफॉर्मेशन दी।

दो दिनों तक पूछताछ

एटीएस की काउंटर एस्पिओनाज टीम ने जब इस मामले की एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू की तो ऐसी कई भारतीय फेसबुक आईडी चिन्हित हुईं। जो इस फर्जी आईडी के लगातार संपर्क में थीं। गहराई से जांच में दिल्ली में तैनात मध्य प्रदेश के रीवा का मूल निवासी बीएसएफ जवान अच्युतानंद मिश्रा राडार पर आ गया। जिसके बाद एटीएस टीम ने नोएडा में उससे दो दिनों तक पूछताछ की। इस दौरान टीम ने उसके मोबाइल फोन का डाटा डाउनलोड कर उसकी पड़ताल की तो पता चला कि अच्युतानंद बीएसएफ की तमाम संवेदनशील जानकारियां मसलन यूनिट की लोकेशन, शस्त्र व गोला-बारूद की डिटेल, बीएसएफ की टेकनपुर अकादमी की फोटोग्राफ , मैप व वीडियो आईएसआई की महिला एजेंट को भेज चुका था।

आरोपी अच्युतानंद को अरेस्ट कर

 इस खुलासे के बाद आरोपी अच्युतानंद को अरेस्ट कर लिया गया। आईजी एटीएस असीम अरुण ने बताया कि आरोपी अच्युतानंद मिश्रा वर्ष 2006 में बीएसएफ में भर्ती हुआ था। जनवरी 2016 में अच्युतानंद की फेसबुक उस महिला की आईडी से फ्रेंड रिक्वेस्ट आई। बेहद खूबसूरत प्रोफाइल पिक्चर देखकर अच्युतानंद ने रिक्वेस्ट को एक्सेप्ट कर लिया। इस आईडी में महिला ने खुद को डिफेंस रिपोर्टर बता रखा था। अच्युतानंद और उस महिला की फेसबुक मैसेंजर पर बातचीत शुरू हुई।

दोस्त के नाम से सेव किया

करीब डेढ़ साल तक यह सिलसिला चलता रहा। इस मियाद में महिला ने अच्युतानंद से करीबी बढ़ा ली और उससे बेहद निजी बातें शुरू कर दीं। झांसे में पूरी तरह फंस चुके अच्युतानंद को मई 2017 में महिला ने अपना मोबाइल नंबर भेजा, जो कि पाकिस्तानी था। बावजूद इसके अच्युतानंद ने इस नंबर को पाकिस्तानी दोस्त के नाम से सेव किया और वाट्सएप पर उससे वीडियो व वॉयस कॉल करने लगा। इस दौरान वह उसे तमाम संवेदनशील जानकारियां भी भेजता रहा। डीजीपी ओपी सिंह ने बताया कि आरोपी अच्युतानंद की फेसबुक मैसेंजर व वाट्सएप पर की गई चैटिंग को रिकवर किया गया है, इसमें कई हैरान कर देने वाली जानकारियां हाथ लगी हैं।

कश्मीरी आतंकियों की मदद को भी राजी

शादीशुदा व दो बच्चों का पिता अच्युतानंद महिला के झांसे में इस कदर आ गया था कि एक बार चैटिंग में महिला ने अच्युतानंद से धर्म परिवर्तन को कहा, जिसके लिये वह फौरन राजी हो गया। इतना ही नहीं, वह कश्मीरी आतंकियों की मदद को भी राजी था। आईजी असीम अरुण ने बताया कि आरोपी जवान की अरेस्टिंग के बाद जांच की जा रही है कि उसके नेटवर्क में और कौन-कौन शामिल है। इसके अलावा उसके बैंक अकाउंट की भी जांच की जाएगी कि कहीं उसने सूचनाएं देने के एवज में रुपया तो नहीं लिया। यह भी पड़ताल की जा रही है कि आखिर अच्युतानंद ने अब तक आईएसआई की महिला एजेंट को क्या-क्या जानकारियां भेजीं और उससे कितना नुकसान हुआ है।

रिमांड अवधि के दौरान

आरोपी अच्युतानंद को बुधवार को कोर्ट में पेश कर एटीएस ने पुलिस कस्टडी रिमांड की मांग की। कोर्ट ने उसे पांच दिन की पुलिस कस्टडी रिमांड पर भेजने का आदेश दिया। रिमांड अवधि बुधवार रात आठ बजे से शुरू होगी। आईजी असीम अरुण ने बताया कि रिमांड अवधि के दौरान आरोपी से पूछताछ कर आईएसआई के हनी ट्रैप के मकडज़ाल को समझने की कोशिश की जाएगी। ताकि, सेना व पैरामिलिट्री फोर्सेज के जवानों को जागरूक किया जा सके।

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